कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन ने लगाई रोक, नहीं दे रहा कोई स्पष्ट जवाब!
नई दिल्ली: चीन ने फिर की नापाक हरकत, वैसे तो चीन भारतीय सीमाओं को अपना निशाना बनाता रहता है, लेकिन इस बार चीन ने भारतीय श्रद्धालुओं को निशाना बनाया है, चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा में रोक लगा दी है. साथ ही इसके पीछे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. आपको बता दें कि चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों के दो जत्थों को नाथूला-पास से आगे नहीं बढ़ने दिया है. जिसके बाद दो दिनों तक तीर्थ यात्री और श्रद्धालू वहीं इंतजार करते रहे लेकिन चीन की तरफ से इजाजत नहीं मिलने पर यात्रियों को गंगटोक लाया गया है.
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी गयी है :
दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से यह खबर भी आई है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डोकालाला क्षेत्र में भारतीय बंकरों में तोड़फोड़ भी की है, जिसके चलते वहां तनाव की स्थिति है, आपको बता दें कि भारत ने करीब 10 दिन पहले ही इन बंकरों को रिपेयर कराया था. हालांकि इस मुद्दे पर सेना और सुरक्षा बल कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं हैं.
फिलहाल कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी गयी है, और आगे गए यात्रियों को गंगटोक लाया गया है, यहां अभी भारत के लगभग 100 तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. आपको बता दें कि नाथूला-पास एक ट्राई जंक्शन है, जो भारत, चीन और भूटान को जोड़ता है. हालांकि अभी मानसरोवर यात्रा के लिए और जत्थे नहीं भेजे जा रहे हैं.
नाथूला में फंसे यात्रियों ने इन्टरनेट पर अपनी बात भी कही है, इसके बाद आम लोगों को यह बात पता चली, सरकार ने यह मामला चीन के सामने उठाया है मगर चीन ने अभी तक मामले पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है, हालांकि विदेश मंत्रालय ने यात्रा में आ रही दिक्कतों को जल्द सुलझा लेने का आश्वासन दिया है. वहीं सिक्किम के सीएम पवन कुमार चामलिंग ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात भी की है.
गौरतलब है कि साल 2015 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए इस रास्ते को खोला गया था. इस रास्ते से यात्री नाथूला-पास को पार करने के बाद चीनी वाहनों से कैलाश तक जाते हैं, इसके अलावा इस यात्रा के लिए पारंपरिक रास्ता भी है जो कि उत्तराखंड की ओर से जाता है, जिसे यात्री पैदल ही तय करते हैं, इस यात्रा का पारंपरिक रास्ता अभी भी खुला हुआ है.