मोदी की रैली में धमाके करने वालों को मिली सजा, किसी के हिस्से आई फांसी तो किसी को मिली उम्रकैद
साल 2013 की बात है। तब नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उस दौरान उन्हें भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी बनाया गया था। तब नरेंद्र मोदी चुनावी सभा करने पटना आए थे। इस बीच गांधी मैदान (Gandhi Maidan Blast Case) और पटना जंक्शन पर एक के बाद एक कई बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 6 लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हुए थे।
मोदी की रैली में ब्लास्ट करने वालों को हुई सजा
2013 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की हुंकार रैली (Hunakar Rally) में हुए बम धमाकों में नौ लोगों पर केस चल रहा था। हाल ही में सभी नौ आरोपी दोष पाए गए हैं। ऐसे में उन्हें सजा सुनाई गई है।
किसी के हिस्से आई फांसी तो किसी को मिली उम्रकैद
कोर्ट ने इनमें चार दोषियों को फांसी की सजा दी है। वहीं दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दो आतंकियों को 10 साल की सजा जबकि एक आतंकी को 7 साल की सजा हुई है।
आठ साल से जेल में बंद निर्दोष हुआ रिहा
इस मामले में यूपी का फकरुद्दीन निर्दोष पाया गया है। वह इस केस में आठ साल तक जेल में बंद था।
बोधगया के महाबोधि मंदिर ब्लास्ट में भी शामिल थे अपराधी
इस केस में कई अपराधी ऐसे भी हैं जिनके ऊपर बोधगया के महाबोधि मंदिर में बम ब्लास्ट करने का आरोप लगा हुआ है।
हाई लेवल सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुए आतंकी
दोषी पाए गए आतंकियों को बेउर जेल से एनआइए कोर्ट तक हाई लेवल की सुरक्षा के बीच लाया गया। इस दौरान एसपी सिटी, डीएसपी स्तर के तीन अधिकारी और आधा दर्जन थानों की पुलिस मौजूद थी। वहीं खुफिया विभाग की टीम समेत एटीएस एवं एसटीएफ को भी तैनात किया गया।
चप्पे-चप्पे पर थी सुरक्षा व्यवस्था
सभी दोषी बस के माध्यम से जेल से कोर्ट लाए गए। एनआइए की विनती के बाद पटना पुलिस ने सुरक्षा के कड़ी इंतजाम किए। बेउर जेल से एनआइए कोर्ट के रास्ते में चप्पे-चप्पे पर पटना पुलिस के जवान तैनात रहे। वहीं बेउर जेल के बाहर बीएमपी के जवानों को खड़ा किया गया। सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न रह जाए इसलिए सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मियों को भिन्न-भिन्न स्थानों पर तैनात किया गया। इसके अलावा न्यायालय और जेल की सुरक्षाका भी विशेष ध्यान रखा गया।
दोषियों को सजा मिलने के बाद मोदी के समर्थकों में खुशी का माहौल है। वहीं बम ब्लास्ट में मारे गए पीड़ित परिवार को भी इस बात से संतुष्टि मिली कि उनके परिजनों के कातिलों को सजा हुई और उन्हें न्याय मिला।