जीएसटी पर एक नजर, जानिये किस चीज़ पर कितनी लग रही है जीएसटी !
जीएसटी यानी कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स हिंदी में कहें तो सेवा और वस्तु कर, करारोपण और कराधान के क्षेत्र में जीएसटी को एक क्रन्तिकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है, 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हो जायेगा. अब इसे लागू होने में एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है, इसलिए हमें जान लेना चाहिए कि नए नियम के अनुसार टैक्स प्रणाली में क्या बदलाव होने वाले हैं.
क्या है जीएसटी?
जीएसटी एक विशेष प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है, जो कि वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर उपभोक्ता को देना होता है, इसका दायित्व उत्पादक पर होता है मगर इसका भुगतान उपभोक्ता करते हैं इसलिए इन्हें अप्रत्यक्ष कर कहा जाता है. किसी भी वस्तु या सेवा को जब हम खरीदते हैं तो उसके बदले में हम जो भुगतान करते हैं वह उसकी लागत से कहीं ज्यादा होता है. क्योंकि उसमें उसकी लागत के अलावा कई प्रकार के प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर जुड़े होते हैं, जैसे कि वैट, कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, सेल्स टैक्स आदि. इसतरह के तमाम केन्द्रीय और राज्य प्रणाली के करों को मिलाकर वस्तु की कीमत बहुत ज्यादा हो जाती है.
एक देश एक कर
बहुत से राष्ट्रों में डायरेक्ट टैक्स के तौर पर केवल इनकम टैक्स है और इनडायरेक्ट टैक्स के तौर पर केवल जीएसटी लागू है, ऐसे में भारत में भी लम्बे समय से एक देश एक कर की मांग उठ रही थी, जीएसटी लागू होने के बाद देश में केवल एक ही अप्रत्यक्ष कर होगा जो वस्तुओं के मूल्यों को बड़े स्तर पर प्रभावित करेगा, और वो भी देश भर में समान रूप से लागू होगा, पहले अलग अलग अप्रत्यक्ष करों की वजह से तमाम वस्तुओं के दाम अलग अलग जगह के अनुरूप अलग अलग होते थे. मगर जीएसटी लागू होने के बाद सभी जगह एक वस्तुओं के दामों में समानता आएगी
इसके तहत तीन श्रेणियों में कर प्रणाली को बांटा गया है, इस तरह केन्द्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी के जरिये जीएसटी प्रणाली लागू होगी. साथ ही वस्तुओं पर कर निर्धारण और कर की दर पूरे देश में समान रहेगी. अलग अलग राज्य में कर की दर अलग नहीं होगी. फिलहाल जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के लिए वस्तुओं को टैक्स रेट के आधार पर बांटा है. जो इस प्रकार है.
टैक्स फ्री या टैक्स से मुक्त वस्तुएं और सेवाएं –
इस श्रेणी की वस्तुओं पर जीएसटी लागू नहीं होगा, इस श्रेणी में जूट, ताजा मांस, मछली, चिकन, अंडा, दूध, छाछ, दही, प्राकृतिक शहद, ताजा फल और सब्जियां, फूल, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिन्दूर, स्टाम्प और जुडिशल पेपर्स, प्रिंटेड किताबें, अखबार, चूड़ी, हैंडलूम और एक हजार रूपये से कम किराये वाले होटल.
0.25% टैक्स- रफ डायमंड्स या परिस्कृत हीरे पर 0.25% की डर से टैक्स लगेगा ताकि ऑडिट ट्रायल में आसानी हो.
3% टैक्स- सोन को 3% टैक्स स्लैब में रखा गया है.
5% टैक्स- मछली का मांस, 1000 रूपये की कीमत से कम के कपड़े, पैकेट बंद भोजन, 500 रूपये से कम कीमत वाले फुटवीर, क्रीम, स्किम्ड मिल्क पाउडर, ब्रांडेड पनीर, फ्रोजेन सब्जियां, कॉफ़ी, चाय, मसाले, पिज्जा ब्रेड, रस्क, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट, लाइफबोट्स, यातायात सुविधाएं जैसे रेलवे और हवाई जहाज साथ ही छोटे रेस्टोरेंट्स पर 5% की डर से जीएसटी लागू होगा.
जीएसटी टैक्स-
12% टैक्स- 1000 हजार की कीमत से अधिक के कपड़े, फ्रोजेन मीट, मक्खन, चीज़, घी, पैकेट बंद ड्राई फ्रूट्स, एनिमल फैट, सॉस, फ्रूट जूस, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलरिंग बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन, सेल फोन, नॉन ए.सी. होटल, बिजनेस क्लास एयर टिकट, खाद और कार्य अनुबंध पर 12% की डर से जीएसटी लागू होगा.
18% टैक्स- 500 रूपये की कीमत से अधिक के फुटवीर, बीड़ी पत्ता, सभी प्रकार के बिस्किट्स, फ्लेवर्ड रिफाइंड चीनी, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्री और केक, संरक्षित सब्जियां, जैम, चटनी, सूप, आइसक्रीम, इंस्टेंट फूड मिक्सेस, मिनरल वाटर, टिसू पेपर, लिफाफा, टैम्पोन, नोटबुक, स्टील के सामान, सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर, ए.सी. होटल, टेलिकॉम सेवाएं, आईटी सेवाएं, ब्रांडेड कपडे, फाइनेंसियल सेवाएं इत्यादि पर 18% की डर से जीएसटी देना होगा.
28% टैक्स- अल्कोहल, बीड़ी, सिगरेट, च्युइंग गम, गुड़, चॉकलेट, पान मसाला, एयरेटेड वाटर, पेंट, डियोडोरेंट्स, शेविंग क्रीम, आफ्टर शेव, हेयर शैम्पू, डाई, सनस्क्रीम, वालपपेर, सेरामिक टाइल्स, वाटर हीटर, डिशवाटर, वेविंग मशीन, वाशिंग मचिन, एटीएम वेंडिंग मचिन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकिल, व्यक्तिगत प्रयोग के एयरक्राफ्ट, 5 सितारा होटल, रेस क्लब में सट्टेबाजी, और सिनेमा पर 28% की डर से टैक्स देना होगा.