शोले में काम करने के लिए धर्मेंद्र के आगे गिड़गिड़ाए थे अमिताभ बच्चन, पहुंच गए थे उनके घर
हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ अमिताभ बच्चन को दुनिया ने सदी के महानायक, बिग बी, बॉलीवुड के शहंशाह, बॉलीवुड के एंग्रीयंगमैन जैसे नाम दिए हैं. ‘सदी के महानायक’ यह उपाधि अमिताभ बच्च्चन के बारे में काफी कुछ बयां कर देती हैं. अमिताभ को यह नाम इसलिए मिला क्योंकि वे इसके हदार थे. अब भी अपनी अदाकारी से बिग बी करोड़ों दिलों को जीत लेते हैं.
गौरतलब है कि बिग बी ने साल 1969 में अपने फ़िल्मी करियर का आगाज किया था. बीते 52 सालों से हिंदी सिनेमा पर अमिताभ बच्चन राज कर रहे हैं. साल 1969 में उनकी पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ रिलीज हुई थी. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं पाई थी. अमिताभ को शुरुआती सालों में कोई पहचान नहीं मिल सकी. हलांकि साल 1973 में आई फिल्म ‘जंजीर’ ने उन्हें बड़ा स्टारडम दिला दिया था. इसके बाद बिग बी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
फिल्म ‘जंजीर’ की अपार सफ़लता के बाद अमिताभ बच्चन एक के बाद एक हिट फ़िल्में देते गए और जल्द ही हिंदी सिनेमा के वे सबसे बड़े सितारें बन गए. आज 79 वर्ष की उम्र में भी अमिताभ बच्चन लगातार काम कर रहे हैं और काम के प्रति लगन भी उनकी सफ़लता की सबसे बड़ी सूत्रधार है.
अमिताभ बच्चन की किस्मत का सितारा साल 1976 में आई ब्लॉकबस्ट हिट फिल्म ‘शोले’ से भी ख़ूब चमका था. यह फिल्म न केवल बिग बी बल्कि इसमें काम करने वाले सभी कलाकारों के लिए यादगार और मील का पत्थर साबित हुई. इतना ही नहीं इस फिल्म को हिंदी सिनेमा की सबसे चर्चित, सफ़ल और प्रतिष्ठित फिल्म में से एक माना जाता है.
बता दें कि, फिल्म ‘शोले’ साल 1976 में 15 अगस्त के मौके पर रिलीज हुई थी और इसने कमाई के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे. इस फिल्म के लिए अमिताभ का नाम धर्मेंद्र ने निर्देशक रमेश सिप्पी को सुझाया था. इसका खुलासा खुद अमिताभ भी कई बार कर चुके हैं. एक बार उन्होंने विस्तार से इस पर बात की थी.
बिग बी ने कहा था कि, ‘मैं सलीम-जावेद के साथ ‘ज़ंजीर’ में काम कर चुका था. वो फिल्म हाल ही में रिलीज हुई थी. उन्होंने मुझे शोले की कहानी सुनाई तो मुझे बहुत पसंद आई. उन्होंने जाकर मेरे लिए थोड़ी पैरवी की. डायरेक्टर रमेश सिप्पी जी मेरे काम से बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं थे. उन्होंने रमेश जी को मेरी फिल्म दिखाई. इसके बाद उन्हें लगा कि ठीक है मैं ले लेता हूं. बीच में मुझे लगा कि शायद रमेश जी मुझे फिल्म में ले या न लें तो मैं धरम जी के घर पहुंच गया था.’
बच्चन साहब ने आगे कहा कि, ‘मैंने उन्हें कहा कि मैं फिल्म में काम करना चाहता हूं और अगर आप मेरी सिफारिश कर देंगे तो मुझे भी अच्छा लगेगा. फिल्म की कहानी जब मैंने पहली बार सुनी तो गब्बर की भूमिका मैं करना चाहता था. सब लोग चाहते थे कि मैं वही किरदार निभाऊं लेकिन बाद में रमेश सिप्पी साहब ने कहा कि नहीं, आपको गब्बर का किरदार नहीं निभाना है. आपको दूसरा किरदार दिया जाएगा. अमजद खान जब पहली बार सेट पर पहुंचे तो मुझे बहुत पसंद आए. कई लोगों ने कहा कि उनकी आवाज थोड़ी ठीक नहीं थी, लेकिन ऐसा नहीं है.’
4 हजार लोगों से घिर गए थे धर्मेंद्र-अमिताभ…
हाल ही में KBC 13 के मंच पर अमिताभ ने धर्मेंद्र और खुद से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए कहा था कि, ‘मैं और धरम जी एक बार फिल्म की शूटिंग के लिए कार से सेट पर जा रहे थे. तभी बीच में गाड़ी खराब हो गई और हमें करीब 3-4 हजार लोगों ने घेर लिया क्योंकि धरम जी उस समय बहुत बड़े स्टार थे. मैं डर गया तो उन्होंने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है. मेरे साथ बैठ और मैं तुझे लेकर चलता हूं. इसके बाद हमने ऑटो पकड़ा और शोले के सेट पर पहुंचे थे.’