मुकुल रोहतगी की इन दलीलों के आगे फीकी पड़ी ASG की दलीलें और मिली आर्यन को जमानत
मुकुल रोहतगी ने इन दांव-पेंच से NCB के वकील को किया चुप, कोर्ट को मजबूर होकर देनी ही पड़ी जमानत
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में आखिरकार शाहरुख़ खान को बड़ी राहत मिल गई है. आर्यन खान (Aryan Khan Granted Bail), अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है. तीनों को हिरासत में लिए जाने के 26 दिनों बाद गुरुवार को 27वे दिन ज़मानत मिली है.
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद एक ऑपरेटिव ऑर्डर जारी किया और तीनों आरोपियों को जमानत दे दी. बता दें कि अभी तीनों की रिहाई में एक या दो दिन का वक्त लगेगा. कोर्ट का आर्डर जेल जाएगा और फिर वहां सभी प्रॉसेस होगी.
मामले में आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कोर्ट में ऐसी कौन सी दलीलें दीं, जिनके आगे NCB की ओर से पेश ASG अनिल सिंह के सभी तर्क धाराशायी हो गए.
दलील नंबर – 1
ASG अनिल सिंह: आर्यन खान ने पहली बार ड्रग्स नहीं ली है. कई साल से वह इसका सेवन करते आ रहे हैं. इतना ही नहीं आर्यन खान के पास ड्रग्स का ‘कॉन्शस पजेशन था.
मुकुल रोहतगी: आर्यन को नहीं पता था कि अरबाज क्या ले जा रहा था, मान लीजिए कि अगर वह जानते भी थे. लेकिन इस मामले में आप हमारे खिलाफ जो सबसे अधिक आरोप लगा सकते हैं वह सामूहिक रूप से कर्मशियल मात्रा का है. अरबाज मर्चेंट आर्यन के दोस्त हैं. आर्यन का उस पर कोई कण्ट्रोल नहीं है. 6 ग्राम चरस बरामद हुआ इसमें अधिकतम सजा 1 साल है. यह कोई कर्मशियल मात्रा नहीं है.
दलील नंबर – 2
ASG अनिल सिंह ने कहा कि यह मामला ड्रग्स के कॉन्शस पजेशन और सेवन करने की योजना के बारे में है. एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 यह नहीं कहती है कि व्यक्ति के पास ड्रग्स का कब्जा होना जरुरी है. जब हम धारा 28 और 29 को लागू करते हैं तो कर्मशियल मात्रा की बात शुरू हो जाती है.
मुकुल रोहतगी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जहाज पर कुल 1300 लोग थे और आर्यन और अरबाज के बीच ही कनेक्शन था. जिस साजिश का आरोप लगाया गया है. जहाज पर किसी तरह की साजिश नहीं थी क्योंकि कोई किसी को नहीं जानता. ऐसे में इस मामले में इसे साजिश करार देने के लिए कोई सबूत नहीं हैं. आर्यन सिर्फ अरबाज को जानते थे, किसी और को नहीं.
दलील नंबर – 3
ASG अनिल सिंह: मैं कोर्ट में मधु लिमये का सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिखाता हूं. मेरा तर्क है कि वह ड्रग्स उनके पास से पाया गया था. वह ड्रग तस्करों से जुड़ा था. यह कर्मशियल मात्रा थी.
मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह सच है कि साजिश साबित करना मुश्किल है. यह भी साबित करना मुश्किल है कि सब के मन पहले से ही मिले हुए थे. मगर इसमें फैक्ट्स की अनदेखी नहीं की जा सकती. साजिश के लिए ‘मन का मेल’ होना जरुरी है. और 6 ग्राम मात्रा के लिए कॉन्शस पजेशन कैसे हो सकता है.
दलील नंबर – 4
ASG अनिल सिंह ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि, हम ऐसा धारा 28 और 29 के कारण कर रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया है कि, अरेस्ट मेमो में धारा 28 और 29 नहीं है. मगर गिरफ्तारी के चार घंटे बाद पहला रिमांड था. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी रिमांड देते वक्त धारा 28 और 29 पर विचार किया था.
मुकुल रोहतगी ने इस पर जवाब देते हुए कहा, मैं अब एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत दिए गए फैसलों पर आता हूं. मुकुल रोहतगी ने इस पूरे मामले की तह कोर्ट में पेश की. साथ ही कहा यह केस पूरी तरह से इस मामले पर भी लागू होता है. अरबाज जो ले जा रहे थे, वह उनके पास था, लेकिन आप दूसरों के लिए ऐसा नहीं कह सकते हैं. ऐसा नहीं है कि वे एक साथ ले जा रहे थे. इसके साथ ही मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान की चैट पर भी अपनी दलील रखी.