NCB ने किये नए हैरतअंगेज खुलासे, आर्यन खान ड्रग केस में शाहरुख की मैनेजर पूजा ददलानी भी शामिल
आर्यन खान ड्रग केस आए दिन सुलझने की बजाए उलझते ही जा रहा है. इसमें रोज़ नए-नए नाम सामने आ रहे है. अब एनसीबी ने शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी पर गवाह को प्रभावित करने के गंभीर आरोप लगाए है. कोर्ट में एनसीबी की तरफ से दलील दी गई कि आर्यन खान का पक्ष गवाहों को प्रभावित कर सकता है, जिस कारण उन्हें जमानत नहीं देनी चाहिए.
एनसीबी ने कोर्ट में अपनी दलील देते हुए कहा कि, आर्यन खान एक प्रभावी घर से ताल्लुक रखते हैं, जिस कारण वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. अगर आर्यन को जमानत दी जाती है तो यह केस पूरी तरह से ख़राब हो जाएगा. इसलिए आर्यन को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
सूत्रों की माने तो कोर्ट में NCB ने अपनी दलील में आर्यन खान को ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा बताया है. एनसीबी की तरफ से कोर्ट में खुलासा किया गया है कि आर्यन खान ड्रग सिंडिकेट की अहम कड़ी हैं, जिनसे अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं. वही इस मामले में आर्यन खान के वकील ने कोर्ट में एफिडेविट देकर साफ किया है कि उनके क्लाइंट का प्रभाकर सेल से किसी तरह का कोई लेन-देन नहीं है. वह प्रभाकर सेल को जानते भी नहीं है.
ज्ञात होकि बीते रविवार प्रभाकर सेल ने मीडिया के सामने 18 करोड़ की फिरौती की बात की थी. जिसमे उसने बताया था कि, आर्यन के मामले को रफा-दफा करने के लिए 10 करोड़ रुपये केपी गोसावी और 8 करोड़ रुपये एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को दिए जाने थे.
प्रभाकर सेल ने यह भी दावा किया था कि केपी गोसावी शाहरुख खान की मैनेजर से भी मिला था. केस के गवाह प्रभाकर ने अपने एफिडेविट में 38 लाख रुपये के लेन-देन और पूजा ददलानी का जिक्र किया था. एनसीबी ने इसी एफिडेविट को आधार बनाकर कहा है कि उन्हें लगता है कि पूजा गवाहों को प्रभावित कर रही हैं. ड्रग केस के जांच अधिकारी वीवी सिंह ने कहा कि अगर सिर्फ प्रभाकर वाली घटना को ही देखा जाए तो उनकी बेल रिजेक्ट हो जानी चाहिए.
आपको बता दें कि 26 अक्टूबर के दिन आर्यन की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन उन्हें अभी भी जमानत नहीं मिली है. कोर्ट इस मामले में आज दोबारा सुनवाई करेगा. उम्मीद की जा रही है कि बॉम्बे हाई कोर्ट से 27 अक्टूबर के दिन आर्यन खान को कुछ सहूलियत मिलेगी. क्योंकि इस बार उनकी पैरवी कोई और नहीं बल्कि भारत सरकार के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी कर रहे है.
कौन हैं वकील मुकुल रोहतगी
मुकुल रोहतगी के बारे में बात करे तो 66 वर्षीय मुकुल भारत की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. इसके साथ ही वह भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं. उनके पद छोड़ने के बाद के.के. वेणुगोपाल ने उनकी जगह ली थी. मुकुल रोहतगी इससे पहले भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम कर चुके हैं.
2002 में वह गुजरात दंगों से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के वकील रहे थे और हाल ही में उन्होंने कहा था कि शाहरुख के बेटे को बेल दी जानी चाहिए.