मेक इन इंडिया के तहत बनी असॉल्ट राइफल में इतनी कमियां की हो गई फेल, जानें
नई दिल्ली: बीते दिनों एक खबर आई थी कि रक्षा क्षेत्र में बजट की कमी के चलते भारत ने अमेरिका के साथ होने वाला एक रक्षा सौदा रद्द कर दिया है. साथ ही रक्षा मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में कहा था कि रक्षा क्षेत्र में हथियारों के निर्माण के लिए भी मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जायेगा. रक्षा संबंधी उत्पादों का निर्माण और उत्पादन भारत में हो इसके लिए नीतिगत प्रोत्साहन किया जायेगा.
भारत में बनाई गयी एक असॉल्ट राइफल टेस्ट में फेल :
हाल ही में मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत में बनाई गयी एक असॉल्ट राइफल टेस्ट में फेल हो गयी. रक्षा मंत्रालय ने इसके नमूने को असफल बताते हुए ठुकरा दिया है. यह राइफल पश्चिम बंगाल की ईछापुर राइफल फैक्ट्री में तैयार की गयी थी. रक्षा मंत्रालय ने टेस्टिंग के दौरान इस राइफल में कई कमियां पाईं. टेस्टिंग के बाद रक्षा मंत्रालय की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम ने पाया कि राइफल में आधारभूत रूप से कई खामियां हैं, जैसे फायरिंग के दौरान झटके देना, बुलेट मैगजीन का बेअसर होना, इत्यादि. टीम के मुताबिक असॉल्ट राइफल के इस नमूने में अभी कई अहम सुधारों की जरूरत है.
आपको बता दें कि सुरक्षा बलों ने पिछले साल एक लाख 85 हजार नई असॉल्ट राइफल्स की मांग की थी. सुरक्षा बल 5.56 कैलिबर राइफल को हटाने का विचार कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में एक सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि वर्तमान में प्रयोग की जा रही 5.56 कैलिबर राइफल दुश्मन को केवल घायल करती है, जबकी सुरक्षा बलों ने 7.62*51mm असॉल्ट राइफल की मांग की थी. जिससे दुश्मन को मारा जा सके.
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम ने इसमें 20 गुना से ज्यादा खामियां पाईं :
खास बात यह है ईछापुर राइफल फैक्ट्री के नमूने के फेल होने के बाद करीब 20 कंपनियों ने राइफल बनाने के प्रस्ताव भेजे हैं. हालांकि ईछापुर की फैक्ट्री को नई असॉल्ट राइफल बनाने का काम सौंपा गया है. आपको बता दें कि राइफल की टेस्टिंग और इवैल्यूएशन के बाद प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम ने इसमें 20 गुना से ज्यादा खामियां पाई थीं.
टीम के मुताबिक इस असॉल्ट राइफल के नमूने में पाया गया कि फायरिंग के दौरान राइफल झटका देती है, राइफल की आवाज काफी तेज है, बुलेट मैगजीन सही काम नहीं कर रही, फायरिंग के दौरान बैरल फूट जाती है जिसके चलते फायर करने वाले की सुरक्षा को खतरा है. साथ ही राइफल में निशाना साधने की कोई सटीक व्यवस्था नहीं दिखी.