महिला ने दिए पेन के आकार जीतने बड़े बच्चे को जन्म, देखकर डॉक्टर्स भी रह गए हक्के-बक्के
मां बनना दुनिया की सबसे शानदार फिलिंग होती है। 9 महीने तक बच्चे को कोख में पालने के बाद जब वह पैदा होता है और आप उसे सीने से लगाती हैं तो उस एहसास की बात ही निराली होती है। इस एहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपका बच्चा कैसा पैदा हुआ है। एक मां को अपनी संतान हर रंग-रूप और आकार में अच्छी लगती है।
महिला ने पैदा की पेन के आकार की बच्ची
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह की चीजें होती हैं। ऐसे में कई बार बच्चा सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा या छोटा भी पैदा हो जाता है। अब इंग्लैंड (England) के लिवरपूल (Liverpool) का यह अनोखा मामला ही ले लीजिए। यहां कारेन (Karen) नाम की एक मां ने महज पेन के आकार की एक छोटी बच्ची को जन्म दिया। ये 2017 की बात है, अब उनकी बेटी 4 साल की हो गई है।
सिर्फ 650 ग्राम निकला वजन
महिला ने बेटी के 4 साल के होने पर उसके पैदा होने की स्टोरी साझा की है। इससे उन माता पिता को मदद मिलेगी जिनके बच्चे वक्त के पहले पैदा होने या किसी और वजह से असामान्य पैदा होते हैं। महिला ने बताया कि 2017 में उसने अपनी बच्ची बैटी बैट (Betty Batt) को पैदा किया था। जब वह पैदा हुई थी तो उसका वजन सिर्फ 650 ग्राम था। आकार में वह एक पेन जितनी बड़ी थी।
6 महीने में ही हो गई थी डिलीवरी
सामान्यतः बच्चे 9 महीने तक गर्भ में रहने के बाद दुनिया में आते हैं, लेकिन कारेन (Karen) के केस में उन्होंने सिर्फ 6 महीने यानी 23 हफ्ते में ही बेबी की डिलीवरी कर दी थी। चुकी यह एक प्रीमेच्योर बेबी (Premature Baby) था इसलिए उसका साइज़ और वजन बहुत कम निकला।
13 महीने तक ICU में रही बच्ची
प्रीमेच्योर बेबी होने की वजह से बच्ची को करीब 13 महीनों तक ICU में रखा गया। ऐसे में बच्ची जब पूरे एक साल की हुई तब अपने घर वापस आई। बच्ची का जन्म जून 2017 में हुआ था और उसे जुलाई 2018 में घर आने का अवसर मिला। अब बच्ची चार साल की हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ है।
चमत्कार से कम नहीं बच्ची का बचना
मां अपनी बेटी की जिंदगी को चमत्कार का नाम देती है। उसके अनुसार भगवान ने उस पर दया दिखाई और उसे मां बनने का सुख दिया। दरअसल बेटी को पैदा करने के पहले महिला एक बार और प्रेग्नेंट हुई थी। तब महिला ने सिर्फ 22 हफ्ते में बेटे जॉर्ज को जन्म दिया था। हालांकि प्रीमैच्योर बेबी होने की वजह से वह सिर्फ 2 घंटे तक ही जीवित रह सका था। बेटे की मौत के बाद महिला और उसके पति बेहद दुखी थे। लेकिन अब भगवान ने उनके दुखों को खुशियों में बदल दिया है।
महिला के परिवार में पहले से एक बड़ी बेटी और बेटा है। वह अपनी छोटी बहन के घर आने से बेहद खुश हैं। महिला कहती हैं कि हमने अपनी बेटी को लेकर अच्छा और बुरा दोनों समय देखा है। डॉक्टरों के लिए भी बच्ची को खतरे से बाहर निकालना बड़ा चुनौतीपूर्ण काम था।
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