लखबीर सिंह केस: हाथ-पैर काटे, लटकाया-घसीटा गया, सुने रुह कंपा देने वाली कहानी, आरोपी की ज़ुबानी
दलित युवक की बेरहमी से हत्या कर के गर्व महसूस कर रहे हैं कस्यां आंदोलन से जुड़े निहंग, सुनाई पूरी वारदात
नई दिल्ली : सिंघु बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में एक के बाद एक हिंसक घटनाएं देखने को मिल रही हैं. शुक्रवार सुबह लखबीर सिंह नाम के शख़्स को धरना स्थल के समीप निहंग सिखों ने मौत के घाट उतार दिया था. उस पर आरोप था कि उसने गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी की थी और उसे इस बात पर बड़ी निर्दयता के साथ निहंगों ने मार दिया.
धरना स्थल के पास मृतक लखबीर को रस्सी से बांधकर बैरिकेड्स से लटका दिया गया था. उसे निहंगों ने बहुत बुरी तरह से मारा. वहीं उसके शव को घसीटा भी गया. इस मामले में अब तक 4 निहंग सरबजीत सिंह, भगवंत सिंह, गोविंदप्रीत सिंह और नारायण सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है.
सरबजीत ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था जबकि नारायण सिंह भी आत्मसमर्पण करने जा रहा था हालांकि उसे पहले ही पुलिस ने अमृतसर के एक गांव से धर दबोचा था. वहीं अन्य दो आरोपी भी सरेंडर कर गए.
नारायणा सिंह ने पुलिस के सामने खुद इस बात को स्वीकार किया कि उसने एक के बाद एक लखबीर पर तीन वार किए थे और उसका पैर काट दिया था. वहीं उसने अदालत के सामने पेशी के दौरान शुक्रवार सुबह लखबीर के साथ की क्रूरता के बारे में भी बात की. लखबीर सिंह निहंगों के टैंट में रहता था और साफ सफाई का काम करता था. 14-15 अक्टूबर की दरमियानी रात में लखबीर सिंह निहंगों के सोने से पहले साफ-सफाई कर रहा था तो वो निहंगों के टेंट में रखे ‘सर्बलोह ग्रंथ’ को उसकी जगह से हटा कर वहां की सफाई करने लगा. जिसे एक निहंग ने देख लिया और बेअदबी का आरोप लगाकर मारपीट करने लगा.
आरोपी नारायण सिंह के मुताबिक़, उसने देखा कि लोगों की भारी भीड़ जमा थी और एक समूह के बीच में बहुत बहसबाजी हो रही थी. लखबीर को लोगों ने बुरी तरह पीट दिया था. नारायण ने अपनी गाड़ी रोकी और लोगों से उसका कारण पूछा. नारायण ने इसके बाद लोगों से पूछा कि क्या अभी तक लखबीर सिंह ज़िंदा है. इसके बाद उसने अपनी तलवार निकाली और मृतक पर तीन वार किए और उसका पैर भी काट दिया था.
नारायण सिंह ने इस बात को भी स्वीकार किया कि हमले के बाद भी लखबीर करीब 30 से 45 मिनट तक ज़िंदा था. आरोपी ने ऐसा करने को लेकर कहा कि, ‘मुझे कोई पछतावा नहीं है. श्री गुरु ग्रंथ साहिब हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध सहित सभी धर्मों के लोगों के पूजनीय हैं. मैं कानून से भाग नहीं रहा मैं खुद सरेंडर कर रहा हूं.’
पीएम रिपोर्ट में ख़ुलासा हुआ कि मृतक के शरीर पर 10 से अधिक जख्म के निशान थे और रगड़ के निशान भी देखे गए. एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘जांच में यह भी पता चला है कि पहले उसे कुछ दूर तक घसीटा गया और फिर पीटा गया.’
नारायण सिंह के अलावा पहले पकड़े गए आरोपी सरबजीत ने भी लखबीर की मौत पर बात की और उसने बताया कि उसने लखबीर का हाथ काटा था. वहीं शनिवार को अदालत में पेशी के दौरान सरबजीत ने ख़ुलासा किया कि लखबीर की हत्या में चार और आरोपी शामिल थे. उसने अदलात में अन्य आरोपियों की जानकारी भी दी.