खुले में नमाज़ पढ़ने से हिंदू परेशान, गुरुग्राम में लगातार चार हफ़्ते से कर रहें विरोध प्रदर्शन…
नमाज़ स्थल के आसपास छेड़खानी एवं चोरी चकारी की घटनाएं भी बढ़ रही है
हमारे देश में एक अजीबोग़रीब तरीक़े से सेकुलरिज्म की हवा बह रही है। जी हां ऐसी परिस्थिति में दीपावली में पटाख़े फोड़ने से पर्यावरण प्रदूषित होने लगता है, लेकिन दिन में पांच वक्त सालों-साल लगातार लाउडस्पीकर पर नमाज़ पढ़ने से ध्वनि प्रदूषण नहीं उत्पन्न होता। मतलब किसी भी चीज़ की अपनी एक पराकाष्ठा होती है, लेकिन हमारे देश में सेकुलरिज्म की आड़ में दुकान चलाने वालों को यह सब नज़र नहीं आता है।
अब सोचिए ज़रा जब दिन भर में पांच वक्त की नमाज़ अगर लाउडस्पीकर पर पढ़ी जा सकती है, फ़िर दीपावली पर एक दिन पटाख़े जलाने में क्या दिक्कत? लेकिन छोड़िए, बात मुद्दे की करते हैं। हरियाणा के गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने के खिलाफ पिछले महीने सितंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार यानी 15 अक्टूबर, 2021 को गुरुग्राम सेक्टर-47 में स्थानीय हिंदू लोगों ने लगातार चौथे सप्ताह भजन-कीर्तन कर प्रदर्शन किया।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, मौके पर पहुँचे पुलिस बल और अधिकारियों ने विरोध करने वालों को समझाने का प्रयास किया। इसको लेकर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि हमसे वादा किया गया था कि दस दिन में इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया।
इतना ही नहीं लोगों का कहना है कि यह सब प्रशासन की रजामंदी से हो रहा है, नहीं तो इसका समाधान अभी तक हो चुका होता। साथ ही उन्होंंने यह भी कहा कि जब तक खुले में नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगाई जाती, तब तक यह विरोध जारी रहेगा। वहीं, इस मामले को लेकर एसीपी अमन यादव का कहना है कि नमाज के लिए वैकल्पिक जगह तलाशने समेत समाधान के प्रयास जारी हैं।
Haryana | Locals staged a protest against offering Friday Namaz at a ground in Sector-47, Gurugram for the fourth consecutive week by performing puja. Efforts are ongoing for a solution, including finding an alternate place for Namaz: ACP Aman Yadav (15.10) pic.twitter.com/QsrIRiPO0V
— ANI (@ANI) October 15, 2021
बता दें कि कहा ये भी जा रहा है कि सेक्टर-47 के आरडब्ल्यूए प्रधान सुनील यादव ने खुले में नमाज पढ़ने का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस तरह से सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने से माहौल खराब हो रहा है। इसके लिए मस्जिद बनी हुई हैं, वहाँ जाने में क्या दिक्कत है? इसके साथ ही उन्होंंने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे नहीं चाहते कि ये सब रुके। खुले में नमाज को रोका जा सकता है, लेकिन इसे इतने दिनों बाद भी नहीं रोका गया। इससे लोगों में काफी आक्रोश है।
In sector 47, Gurgaon, residents gather to protest against namaz being offered in the open. They urge police to check the ID cards of the people offering namaz, alleging that they are outsiders causing security issues. @newslaundry pic.twitter.com/gDSUBvihFT
— Tanishka Sodhi (@tanishka_s2) October 15, 2021
स्थानीय लोग हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में हिंदू महिलाएँ भी शामिल हैं। उन्होंने नवरात्री में माता के भजन गाकर और कीर्तन करके इसका विरोध जताया।
खाली जमीन का मतलब यह नहीं होता कि कोई भी कब्जा कर लें…
वहीं बता दें कि 9 अक्टूबर को गुरुग्राम सेक्टर-47 की हिंदू महिलाओं ने नमाज का विरोध करते हुए भजन-कीर्तन और आरती की थी। इसके बावजूद वहाँ जमा हुए मुस्लिमों ने नमाज अदा की। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। सेक्टर-47 की एक महिला ने कहा था कि, ”जब तक यहाँ खुले में हर शुक्रवार को नमाज अदा करना बंद नहीं होता है तब तक वह भजन और आरती करना जारी रखेंगी।” उन्होंने आगे कहा कि, ”खाली जमीन का मतलब यह नहीं है कि कुछ लोग उस पर कब्जा कर सकते हैं।
क्या वे हमें इस जमीन पर कुछ भी निर्माण करने देंगे? जवाब है- नहीं।” बता दें कि विरोध में शामिल हुई एक अन्य महिला ने कहा था कि वह किसी मजहब का विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक जगह पर नमाज का विरोध करने के लिए आई है।
‘सड़कों पर हनुमान चालीसा पढ़ें क्या?’…
Some residents alleged that women feel unsafe as people “loiter” after namaz, while other said they “peep into houses.” A resident said that they could be “Bangladeshis” or “terrorists.” pic.twitter.com/ieRKRaQbwI
— Tanishka Sodhi (@tanishka_s2) October 15, 2021
वहीं इस घटना को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स में भी काफी आक्रोश देखा जा रहा है। गुरुग्राम पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने को जायज ठहराता देख यूजर भड़क गए और पूछने लगे कि आखिर लोगों के विरोध को वो कैसे नकार सकते हैं और कैसे चलती सड़क पर नमाज पढ़ने को जायज कहा जा सकता है।
ऐसे में एक यूजर ने कहा कि, “इस्लामी देशों में भी सार्वजनिक संपत्ति पर नमाज पढ़ना हराम है।” इतना ही नहीं यूजर ने लिखा कि, “नमाज पढ़ना आस्था की बात है, जिसे मस्जिद जैसी जगह पर अदा किया जाना चाहिए। इसलिए इन लोगों को समझाएँ कि वे एक पवित्र अभ्यास को अपवित्र न करें।”
वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि क्यों नमाज को मस्जिद में बैठ कर नहीं पढ़ा जा सकता। उनका सवाल है कि क्या आपसी सहमति से पब्लिक प्लेस पर अतिक्रमण करना सही है? और अगर इस केस में प्रशासन इतना ही ढिलाई दे रहा है तो क्या वो भी सड़कों पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ें और पूजा-अर्चना करना शुरू कर दें।
Thousands of restrictions are imposed when we celebrate our festivals
But these offer nam@z on public property & even misbehave with our sisters
Incident is from Gurugram; Isn’t this a crime? pic.twitter.com/BgNoIUG6Cp
— Mahesh Vikram Hegde ?? (@mvmeet) September 26, 2021
हालाँकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने अपने बचाव में ट्वीट किया, जिसके बाद वह खुद ही फँस गई। दरअसल, पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा था कि, ”पब्लिक प्लेस पर नमाज हो रही है, दोनों पक्ष (हिंदू-मुस्लिम) सहमत हैं।” लेकिन सार्वजनिक जगह के मामले में पक्षों की सहमति वाला तर्क कानूनन होता तो गुरुग्राम पुलिस को अपना ट्वीट डिलीट नहीं करना पड़ता।
आख़िर में बात सिर्फ़ इतनी ही कि धार्मिक स्वतंत्रता हर किसी को है, लेकिन धर्म के नाम पर अतिक्रमण की नहीं। किसी को बेजा परेशान करने का अधिकार किसी को नहीं। वैसे ये बातें न तो सेकुलरिज्म के ठेकेदार समझ सकते और न ही नमाज़ खुले में पढ़ने वाले लोग। ऐसे में पुलिस प्रशासन को इस मामले में संजीदगी दिखानी चाहिए, वरना आगामी दिनों में स्थिति बिगड़ भी सकती है।