किसान आंदोलन : निहंगों ने पहले काटा युवक का हाथ, फिर किया गर्दन पर वार, और मंच पर लटका दिया
किसान आंदोलन स्थल कुंडली में सिंघु बॉर्डर पर दिल दहला देने वाली घटना हुई
गुरुवार रात (14 अक्टूबर) किसान आंदोलन स्थल कुंडली में सिंघु बॉर्डर पर दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां एक युवक की बड़ी क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई। आरोप है कि युवक को 100 मीटर तक घसीटा गया, उसका एक हाथ धड़ से अलग कर दिया गया, इसके बाद शव को किसान आंदोलन मंच के सामने लटका दिया गया।
मृत युवक के ऊपर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने का आरोप लगा है। अभी तक कुंडली किसान आंदोलन स्थल से जो खबरें सामने आ रही है उसके अनुसार निहंगों को युवक की हत्या का जिम्मेदार माना जा रहा है।
यह पूरा मामला शुक्रवार सुबह 5 बजे का बताया जा रहा है। दरअसल कुंडली बॉर्डर पर उस समय कोहराम मच गया जब संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच के समीप एक युवक का शव बेहद बुरी हालत में लटका मिला। शव का एक हाथ नहीं था, उसे किसी ने काट दिया था। इतना ही नहीं युवक की 5 उंगलियों समेत पूरी हथेली काट दी गई थी।
वहीं गार्डन पर तेजधार हथियार से हमले के निशान भी मिले हैं। मामले की जानकारी लगते ही कुंडली थाना प्रभारी रवि कुमार घटनास्थल पर आए। युवक की पहचान का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है।
बताते चलें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसान आंदोलन के दौरान कोई अपराध हुआ हो। इसके पहले 11 अप्रैल को एक युवती बंगाल से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली आई थी। यहां वह टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुई। इसके बाद आंदोलन में शामिल चार किसान नेताओं ने उसका रेप किया। इसमें दो लड़कियों ने भी मदद की। इस घटना के कुछ समय बाद लड़की की कोरोना से मौत भी हो गई थी।
वहीं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा भी लेटेस्ट मामला है। किसानों लाठी डंडों हथियारों से हमला कर के कर कई लोगों को मौत के घात उतार दिया था
दूसरी तरफ निहंगों का आरोप है कि युवक को किसी साजिश के इरादे से भेजा गया था। उसने इसके बदले 30 हजार रुपए भी लिए थे। आरोप है कि युवक द्वारा पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का अंग भंग कर दिया गया था। ऐसे में गुस्साए निहंगों ने उसे करीब 100 मीटर घसीटा और पीटते हुए ट्रैक्टर एजेंसी के पास ले गए। इस दौरान युवक से कुछ पूछताछ भी की गई। इसका एक वीडियो भी बनाया गया जो अभी सामने नहीं आया है।
जब पुलिस मौके पर पहुंची तो निहंग लटके शव को उतारने भी नहीं दे रहे ही। एक पत्रकार ने मौके पर तस्वीर भी लेना चाही लेकिन उसे धमकी देते हुए फोन वापस जेब में रखवा दिया। इसके बाद बलदेव सिरसा जब मौके पर आए तब पुलिस को डेड बॉडी उतारने की अनुमति दी गई।
बताते चलें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसान आंदोलन के दौरान कोई अपराध हुआ हो। इसके पहले 11 अप्रैल को एक युवती बंगाल से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली आई थी। यहां वह टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुई। इसके बाद आंदोलन में शामिल चार किसान नेताओं ने उसका रेप किया। इसमें दो लड़कियों ने भी मदद की। इस घटना के कुछ समय बाद लड़की की कोरोना से मौत भी हो गई थी।
वहीं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा भी लेटेस्ट मामला है। किसानों लाठी डंडों हथियारों से हमला कर के कर कई लोगों को मौत के घात उतार दिया था