पाकिस्तान और चीन को करारा झटका देने के लिए मोदी और पुतिन ने बनाई ये ज़बरदस्त रणनीति
अभी क्या है स्थिति?* – भारत ने हाल ही में देश में ही बने 2 तेजस फाइटर को एयरफोर्स में शामिल किया है। हालांकि इसका पूरा एडवांस्ड वर्जन 2018 तक आएगा। – तेजस का शामिल कर भारत ने एक तरह से फाइटर प्लेन की सेकंड लाइन तैयार की है। – वहीं अमेरिकी F/A-18 और F-16 फाइटर और स्वीडिश ग्रिपन-ई को भी भारत में ही बनाने के लिए बातचीत जारी है। – इन सभी 4th जेनरेशन के फाइटर प्लेन डेवलप करने के अलावा भारत, रूस से मल्टी-रोल FGFA सुखोई टी-50 या PAK-FA के लिए बात करने वाला है।
रूस के साथ 5th जेनरेशन फाइटर के लिए रिसर्च एंड डेवलमेंट (R&D) डिजाइन को इस साल अंतिम रूप दिया जा सकता है। *रूस ने जताई सहमति* – रूस ने फाइटर को लेकर टेक्निकल और कॉस्ट के मसले सुलझा लिए हैं। साथ ही उसने IAF को टेस्ट फ्लाइट की परमीशन दे दी है। – भारत-रूस ने इसको लेकर 2007 में पहली बार इंटरगवर्नमेंटल एग्रीमेंट किया था। इसके बाद 2010 में 295 मिलियन डॉलर का प्रिलिमनरी डिजाइन कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। – साथ ही दोनों देश प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, टेस्टिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 8 बिलियन डॉलर खर्च करेंगे। – भारत में 127 सिंगल-सीट, स्टील्थ, मल्टीसेंसर फाइटर बनाए जाएंगे। इसके लिए करीब 25 बिलियन डॉलर (करीब डेढ़ लाख करोड़ रु.) का खर्च आएगा।