एक साल पहले हुई थी शादी, पत्नी से आखिरी बार बात करते हुए कहा था कि सोने जा रहा हूं, नींद आ रही
आतंकियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सारज सिंह , जानिए पूरी दुःखद कहानी...
पाकिस्तान की सीमा से लगे जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में सोमवार की सुबह हुए आतंकवादी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। जी हां इन शहीदों में शाहजहांपुर जिले के बंडा थाना क्षेत्र के गांव बरीबरा निवासी सारज सिंह भी शामिल हैं।
बता दें कि सारज के शहीद होने की खबर मिलने के बाद से ही उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पत्नी, जिससे महज कुछ घंटों पहले ही सारज की फोन पर बात हुई थी, वो इस सदमे को बर्दाश्त करने की हालत में नहीं है। वहीं गांव में चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है।
महज 26 साल के थे शहीद सारज सिंह…
बता दें कि 26 वर्षीय सारज सिंह यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले थे। उनका घर बंडा क्षेत्र के अख्तियारपुर धौकल गांव में है। तीन भाइयों में सारज सबसे छोटे थे। सारज सिंह वर्ष 2016 में सेना की 11 सिख रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। इन दिनों वह 16 आरआर रेजीमेंट के तहत कश्मीर के स्वर्णकोट में तैनात थे। उनके दोनों बड़े भाई गुरप्रीत सिंह, सुखबीर सिंह भी सेना में है और कश्मीर में ही तैनात हैं। पिता का नाम विचित्र सिंह और मां परमजीत कौर हैं। गौरतलब हो कि दोनों भाइयों को सारज की शहादत पर फक्र है। वहीं, अपने छोटे और प्यारे भाई को खोने का एक दुख भी है। मां दिल की मरीज हैं, इसलिए अभी तक उन्हें बेटे की शहादत की खबर नहीं दी गई है।
दो वर्ष पहले हुई थी सारज की शादी…
जानकारी के लिए बता दें कि सारज सिंह की शादी दिसंबर 2019 में हरदोई की रजविंदर कौर के साथ हुई थी। उनके अभी कोई संतान नहीं है। सारज बीते जुलाई महीने में छुट्टी लेकर घर आए थे। इसके बाद वह ड्यूटी पर लौट गए थे। रविवार शाम सारज ने फोन पर परिवार के सभी सदस्यों का हालचाल जानने के बाद बताया था कि वह भी ठीक हैं।
पत्नी से आखिरी बार बात करते हुए कहा था कि सोने जा रहा हूं, नींद आ रही…
सारज ने अपनी शहादत के कुछ ही घंटों पहले फोन पर अपनी पत्नी से ये बात की थी। एक मीडिया संस्थान से बातचीत में सारज की भाभी ने बताया कि रविवार रात करीब आठ बजे सारज ने फोन पर बातचीत के दौरान पत्नी से कहा कि वो सोने जा रहे हैं, बहुत नींद आ रही है। तब तक किसी को नहीं पता था कि वह यह बातचीत आखिरी बातचीत होगी। अगली सुबह 11 अक्टूबर को जब सारज सिंह के शहीद होने की खबर मिली तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
बुधवार को गांव पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर…
आख़िर में बता दें कि, शहीद सारज सिंह के गांव में मंगलवार सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी भी शहीद के माता-पिता को ढांढस बंधाने उनके घर पहुंचे। गांव में साफ-सफाई का काम भी शुरू हो गया है। शहीद के पिता विचित्र सिंह ने बताया कि बुधवार दोपहर तक बेटे का पार्थिव शरीर गांव आएगा, जिसके बाद अंत्येष्टि की जाएगी।