फिल्म की शूटिंग के दौरान हो गई थी धर्मेंद्र के छोटे भाई की हत्या, देखने में दोनों लगते थे जुड़वाँ
बॉलीवुड के ‘हीमैन’ यानी धर्मेंद्र के छोटे भाई वीरेंद्र पंजाबी फिल्मों के सुपरस्टार माने जाते थे, लेकिन एक हादसे में उनकी जान चली गई थी। जी हां धर्मेंद्र अपने भाई के साथ हुए इस हादसे से बेहद टूट गए थे, क्योंकि मात्र 40 की उम्र में उनके भाई वीरेंद्र की शूटिंग के दौरान गोली मार के हत्या कर दी गई थी। तो आइए आज हम आपको बताते हैं वीरेंद्र से ही जुड़ी कहानी…
बता दें कि वीरेंद्र सिंह 80 के दशक में पंजाबी सिनेमा के बहुत बड़े स्टार होने के साथ ही निर्माता-निर्देशक भी थे। उन्होंने अपने करियर में लगभग 25 फिल्में बनाईं और सारी फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं थीं। वहीं बता दें कि वीरेंद्र की कलाकारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर निर्माता-निर्देशक अपनी फिल्म में वीरेंद्र सिंह को ही लेने के लिए अड़ जाता था। वीरेंद्र सिंह न सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर थे बल्कि एक सक्सेसफुल डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रहे।
धर्मेंद्र से वीरेंद्र की शक्ल बहुत मिलती थी और यही कारण है कि उन्हें पंजाबी फिल्म का ‘धर्मेंद्र’ भी कहा जाता था।
वीरेंद्र ने धर्मेंद्र के साथ भी पंजाबी फिल्मों में काम किया था। अपने 12 साल के फिल्मी करियर में वीरेंद्र सिंह ने करीब 25 फिल्में बनाई थीं।
गौर करने वाली बात यह है कि वीरेंद्र की सभी फिल्में ब्लॉकबस्टर रहीं। सिर्फ पंजाबी ही नहीं वीरेंद्र ने दो हिंदी फिल्में भी बनाईं- ‘खेल मुकद्दर का’ और ‘दो चेहरे’ और ये दोनों ही फिल्में सफल रहीं।
बता दें कि साल 1988 में फिल्म ‘जट्ट ते जमीन’ की शूटिंग के दौरान वीरेंद्र की हत्या हो गई थी। हालांकि यह बात आज तक साफ नहीं हो सकी कि हत्या करने वाले कौन थे और उनकी हत्या क्यों हुई?
इतना ही नहीं इंडस्ट्री में उनकी मौत के बाद यह चर्चा भी थी कि कम ही वक्त में वीरेंद्र सिंह पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सुपरस्टार बन गए थे और उनकी सफलता से चिढ़ने वालों की फौज खड़ी हो गई और कहीं न कहीं यही चिढ़ वीरेंद्र सिंह की जान की दुश्मन बन बैठी। बता दें कि वीरेंद्र सिंह के बेटे रणदीप सिंह ने अपने पिता की एक बायोपिक भी बनाई है।
इस बायोपिक में धर्मेंद्र और सनी देओल ने भी काम किया है। वहीं वीरेंद्र सिंह ने अपने करियर की शुरुआत 1975 में आई फिल्म ‘तेरी मेरी एक जिंदड़ी’ से की थी जिसमें उनके भाई धर्मेंद्र भी नजर आए थे।