अध्यात्म

शास्त्रों के अनुसार नहीं देखना चाहिए गर्भवती महिला को किसी मरे व्यक्ति का मुंह, जानिये कारण !

हिन्दू धर्म: बहुत से लोग मानते हैं कि हिन्दू धर्म रूढ़ियों, परम्पराओं और किंवदंतियों का धर्म है, इस धर्म में मान्यताओं और परम्पराओं के नाम पर कुप्रथा और रूढ़ियों का प्रचलन अधिक है. मगर वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है, दरअसल हिन्दू धर्म में हर चीज के पीछे एक कारण बताया गया है. अब कुछ लोग उन कारणों के बिना ही अपनी आधुनिक सोच का हवाला देकर उन बातों को रूढियां और अन्धविश्वास मान लेते हैं.

हिन्दू धर्म में परिवार में नए सदस्य का आगमन एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है अब चाहे वह विवाह हो या फिर बच्चे का जन्म, लेकिन बच्चे का जन्म एक बड़ी जिम्मेदारी भी होता है, उसे पाने के लिए मां 9 महीने तक उसका इंतजार करती है, और इस दौरान वह बहुत संतुलित और सम्यक जीवन जीती है, माना जाता है कि गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा के लिए मां को बहुत से संयम में बंध कर रहना पड़ता है, इसी में एक है-

गर्भवती महिला का मृत व्यक्ति का चेहरा नहीं देखना :

आब आप सोचेंगे कि यह एक रूढि या अन्धविश्वास है, मृत व्यक्ति का चेहरा देखने से गर्भवती महिला और उसके गर्भ पर क्या असर पड़ेगा, लेकिन इसके पीछे भी कुछ वैज्ञानिक कारण हैं, यदि कोई महिला गर्भवती है तो उसे इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि वह गलती से भी किसी मृत व्यक्ति के पास न जाये और न ही उसका चेहरा देखे, गर्भवती महिला को मृत व्यक्ति से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए.

जिस घर में किसी व्यक्ति की मौत हुयी है वहां के लोग शोकाकुल रहते हैं, शोक की वजह से बहुत सी नकारात्मक तरंगे उन लोगों के शरीर से प्रवाहित होंगी जो कि गर्भस्थ शिशु के लिए ठीक नहीं होती हैं, गर्भस्थ शिशु बहुत नाजुक और संवेदनशील होता है उसकी सुरक्षा के लिए बहुत ज्यादा सतर्कता और जागरूकता की जरूरत पड़ती है. ऐसे में उसके आसपास के वातावरण और बाहरी दुनिया में क्या चल रहा है उसका बच्चे पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है.

यदि मृतक गर्भवती महिला का कोई बहुत करीबी है तो निश्चित ही महिला भी शोकग्रस्त होकर बहुत रोएगी, लेकिन उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से उसकी निराशा, शोक और दुःख का असर उसके गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता है, इन सभी चीजों का असर किसी न किसी रूप में देखने को जरूर मिलता है. इन सब बातों के अतिरिक्त मृत व्यक्ति के शरीर यानी कि शव से अनेक प्रकार के विषाणु और विषाक्त जीव निकलते हैं जो कि हवा में फैलकर प्रहार करते हैं, और गर्भवती महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए उसे ऐसे विषाणुओं से बहुत ज्यादा खतरे की सम्भावना होती है. इसलिए गर्भवती स्त्री को ऐसी किसी भी जगह नहीं जाने दिया जाता है जहां मृत्यु हुई हो या शव रखा हो.

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