Breaking: श्रीनगर के स्कूल में घुस आतंकियों ने बरसाई गोलियां, 2 टीचरों को सिर में मारी गोली
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आज गुरुवार (7 अक्टूबर) श्रीनगर के ईदगाह इलाके में एक स्कूल पर आतंकियों ने हमला बोल दिया। इस हमले में दो शिक्षकों की मौत हो गई। आतंकियों ने दोनों शिक्षकों को गोली मारकर मौत के मुंह में धकेल दिया। मृत शिक्षकों की पहचान महिला प्रिंसिपल सतिंदर कौर और दीपक चांद के रूप में हुई है।
सूत्रों की माने तो यह एक टारगेटिंग किलिंग है। आतंकियों ने दोनों शिक्षकों के करीब जाकर उनके सिर में गोली मारी है। जिस स्कूल पर आतंकी हमला हुआ है वह हाई सेकेंड्री स्कूल बताया जा रहा है। स्कूल में दोनों ही शिक्षक पढ़ाने के लिए आए हुए थे। इस दौरान वहाँ हाथ में बंदूक लिए दो से तीन आतंकी घुस आए और हमला करने लगे।
आतंकी हमले की घटना को अंजाम देकर सभी आतंकी वहाँ से नौ दो ग्यारह हो गए। इस घटना के बाद इलाके में भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है। वहीं भागे गए आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन भी चल रहा है।
Two teachers killed in a terrorist attack at a government school in the Iddgah Sangam area of Srinagar: Jammu and Kashmir Police
— ANI (@ANI) October 7, 2021
इस घटना के बीच आज केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) की एक महत्वपूर्ण बैठक भी होने वाली है। इसमें जम्मू-कश्मीर की आम जनता की सुरक्षा एवं आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन्स के बारे में बातचीत की जाएगी। गृह मंत्रालय की इस बैठक में सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी सहित सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त इस बैठक में आईबी चीफ और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
बताते चलें कि आम नागरिकों पर हुए हमले की ये घाटी में 7वीं घटना है। इसके पहले मंगलवार (5 अक्टूबर) को भी आतंकियों ने महज एक घंटे के अंदर तीन अलग-अलग जगहों पर हमला किया था। इस हमले में तीन आम नागरिकों की मौत हो गई थी। इसमें कश्मीरी पंडित और मशहूर फार्मेसी बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू भी शामिल थे।
इसके अतिरिक्त एक अन्य आतंकी हमले में बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले वीरंजन पासवान का निधन हो गया था। 56 वर्षीय वीरंजन पासवान भागलपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के वादे सैदपुर गांव के रहने वाले थे। उन्हें गोली मार मौत की नींद सुलाया गया था। वे पिछले ढाई साल से श्रीनगर में गोलगप्पे बेच रहे थे। यहां वे जो पैसे कमारे थे उससे अपने परिवार का पेट पालते थे।