अध्यात्म

आ गया शनिदेव का सबसे बड़ा दिन, खुश करने के लिए इस तरह से करें पूजा!

हर महीने में एक बार अमावस्या आती है, जब अमावस्या के दिन शनिवार का दिन पड़ रहा हो तो उसे शनिश्चरी या शनि अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त दान देने की परम्परा है, लेकिन शनिश्चरी अमावस्या के दिन को देवताओं और पितृ तर्पण की दृष्टि से अच्छा माना जाता है। इस बार यह तिथि 24 जून को पड़ रही है। जानकारों के मुताबिक यह दिन शनिदेव को मनाने के लिए सबसे अच्छा है।

शानिदेव हैं न्याय के देवता

इस दिन खासतौर पर शनिदेव की पूजा का प्रचलन है शनिदेव को सूर्य का पुत्र और यमराज का बड़ा भाई कहा जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है। यह मनुष्य को उसके कर्मों के हिसाब से फल देने के लिए जाने जाते हैं। कुछ लोग शनिदेव से डरते हैं, लेकिन यह कभी भी बेगुनाह व्यक्ति को परेशान नहीं करते हैं। शनिदेव सबके साथ न्याय करते हैं। वह सच्चे झूठे में तुरंत फर्क कर लेते हैं।

यह अपने पद का दुरूपयोग नहीं करते हैं। यह बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं और जो सत्कर्म करता है एवं ईमानदारी और परिश्रम से काम करता है उसका जीवन खुशियों से भर देते हैं। शनिदेव की पूजा करते समय सरसों का तेल, तिल का तेल, उड़द की दाल और काले तिल का इस्तेमाल किया जाता है। धूप, दीप, नील फूल, फल, नौवेद्य के साथ काले वस्त्र अर्पित करके शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।

सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे रखें दीपक

इस दिन सुबह किसी नदी में स्नान करने के पश्चात् गणेश जी और भगवन विष्णु की पूजा करें। इसके बाद किसी पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी चढ़ाकर कच्चा सूत लेकर सात बार परिक्रमा करें। सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं। जिन लोगों पर शनि की महादशा चल रही हो, उन लोगों को हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपदान करना चाहिए।

करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप:

इस दिन पितरों का श्राद्ध करना बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसा करने से नीच योनियों में पड़े पितरों का भी उद्धार हो जाता है। सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि स्त्रोत, शनि चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप (mahamrityunjaya mantra in hindi) अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही आप इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए नीचे दिए गए मन्त्रों का पाठ सच्चे मन से करें।

मंत्र:

‘‘ओं शं शनैश्चराय नम:’’

‘‘सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय:, मंदचार प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनि:’’

‘‘नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं,छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम, प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’’

‘‘ओं शं शनैश्चराय नम:,ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया, कण्टकी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा, शं शनैश्चारय नम:’’

पिंगलो बभु कृष्णौ रौद्रान्तको यम:, सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थित:, ओम शं शनैश्चराय नम:’’

Back to top button
?>
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/