भगवान राम के अनुसार अच्छे शासक में होने चाहिए ये गुण!
हिन्दू धर्म में जीवन से जुडी हर बात के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं, यह निर्देश शास्त्रों और पुराणों में बताये गए हैं. हिन्दू धर्म में आदर्श जीवन जीने के मानक भी बताये गए हैं, जीवन के उच्च मूल्यों और आदर्शिता के लिए हिन्दू धर्म में भगवान श्री राम के जीवन चरित्र का अनुसरण करने का निर्देश दिया गया है,
भगवान राम ने अपने जीवन के माध्यम से उच्च आदर्शीय मूल्यों की स्थापना की उन्होंने जीवन के हर पहलू के लिए एक आचार संहिता का निर्वहन किया.
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम :
वह न सिर्फ एक अच्छे पुत्र, भाई या पुरुष थे बल्कि एक आदर्श राजा भी थे, एक अच्छा शासक होने के नाते ही राज्य व्यवस्था की आदर्शिता के लिए रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है. रामायण में भगवान श्री राम ने जीवन के जिन उच्च मूल्यों का निर्वहन किया उसके मद्देनजर ही उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है.
भगवान श्री राम ने एक अच्छे शासक के गुणों के बारे में भी बताया है. अग्नि पुराण में श्री राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण के बीच वार्तालाप का एक अंश है, उसमें उन्होंने अच्छे शासक के गुणों के बारे में बताया है.
उनके अनुसार एक अच्छे शासक या नेता को चार दिशाओं में कार्य करना चाहिए. एक तो धन कैसे अर्जित किया जाये, यानी कि उसे राज्य से राजस्व वृद्धि और राज्य की कुल आय में वृद्धि की कला आनी चाहिए. दूसरा अर्जित किये गए धन को किस प्रकार बढाया जाये. तीसरा अर्जित धन की रक्षा किस प्रकार की जाये, और चौथा और सबसे अहम यह कि अर्जित किये गए राजस्व या धन को प्रजा के हित के लिए कैसे प्रयोग किया जाये.
इसक अलावा एक अच्छे शासक या नेता में यह गुण भी होने चाहिए-
प्रजा से प्रेम- शासक को अपनी प्रजा के प्रति संतान की तरह प्रेम होना चाहिए, शासक केवल उनके लिए अच्छा न हो जो लोग उसके लिए काम करते हैं, बल्कि उसे सभी के प्रति हमेशा विनम्र और शांत रहना चाहिए. यदि शासक या राजा बात बात पर क्रोध करता है, जो स्थितियों के अनुरूप धैर्यवान नहीं है बात बात पर अपना धैर्य खो देता है तो वह कभी भी अपनी प्रजा से प्रेम और आदर नहीं पा सकता है.
गलती को माफ करना- एक अच्छा शासक सदैव अहिंसा के मार्ग पर चलता है. राजा को सदैव अहिंसा के गुण का निर्वहन करना चाहिए. खासतौर से राज्य की खुशियों के लिए उसे अहिंसात्मक रवैया बनाये रखना चाहिए. शासक को एक अच्छा मार्गदर्शक भी होना चाहिए. वो सबकी मदद के लिए तत्पर और प्रजा की रक्षा करना भी जानता हो.
शिकायतें सुनने का समय- एक अच्छा शासक कभी भी किसी फरियादी को खाली नहीं जाने देता, इसलिए नेता या शासक को सबकी शिकायतें सुननी चाहिए और उसके अनुरूप सही निर्णय लेना चाहिए, उसे किसी को भी नाउम्मीदी के साथ नहीं लौटने देना चाहिए. शासक के पास अपने प्रजा के कष्टों और शिकायतों को सुनने का समय होना चाहिए. इस तरह वह समस्याओं को सुलझा कर ही जनता को खुश और संतुष्ट कर पायेगा.
अच्छे वचन- अच्छे शासक धैर्यवान और शीलवान होते हैं उनकी भाषा और उनके वचन उनकी शासकीय क्षमता को दर्शाते हैं. इसलिए एक शासक या राजा को हमेशा प्रियभाषी, मधुभाषी होना चाहिए और सबके लिए अच्छे वचनों का प्रयोग करना चाहिए. फिर वो चाहे उसका दोस्त हो या दुश्मन.