‘रामायण’ के रावण का 82 साल की उम्र में निधन, 300 फिल्मों में किया काम, राजनीति में भी रहे हिट
आज की सुबह मनोरंजन जगत से एक बेहद दुखद ख़बर लेकर आई. छोटे पर्दे के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले मशहूर अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का निधन हो गया. 82 साल की उम्र में उन्होंने आख़िरी सांस ली. इस ख़बर के सामने आते ही अभिनेता के फैंस का दिल टूट गया. सोशल मीडिया के माध्यम से फैंस और कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
बता दें कि अरविंद तिवारी ने मंगलवार रात को ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. बीती रात करीब 10 बजे उनके निधन की पुष्टि हुई थी. उनके एक करीबी रिश्ते दार ने जानकारी देते हुए बताया था कि अरविंद त्रिवेदी का निधन दिल का दौरा पड़ने के चलते हुआ. आज मुंबई में पूरे रीत-रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने दिग्गज़ अभिनेता के निधन के बारे में जानकारी दी और कहा कि, ‘मंगलवार (5 अक्तूबर) रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया है. चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे. पिछले तीन साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी. ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था. एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे. मंगलवार की रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया.’
रामायण ने घर-घर में दिलाई पहचान…
जिस तरह ‘रामायण’ ने भगवान श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी का किरदार निभाने वाले कलाकारों को घर-घर में लोकप्रिय कर दिया था वैसे ही रावण के किदार में अरविंद त्रिवेदी भी ख़ूब लोकप्रिय हुए थे. उनके अभिनय को देखकर हर कोई उनका कायल हो गया था. उन्होंने ‘लंकेश’ रावण के किरदार को जीवंत कर दिया था.
गौरतलब है कि ‘रामायण’ साल 1987 और 1988 में दूरदर्शन पर प्रसारित होता था. टीवी पर जब यह धारावाहिक आता था तो लोग सब काम-काज छोड़कर इसे देखा करते थे. अरविंद त्रिवेदी ने रावण का बुरा और नकारात्मक किरदार निभाने के बाद भी दर्शकों से ख़ूब प्यार पाया और ख़ूब वाहवाही लूटी. लोग आज भी उन्हें इसी किरदार के लिए याद करते हैं.
अरविंद त्रिवेदी 82 वर्ष के थे. मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 8 नवंबर 1938 को उनका जन्म हुआ था. यह गौर करने वाली बात है कि अरविंद गुजराती सिनेमा के एक बड़े अभिनेता थे. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने गुजराती रंगमंच से की थी. वहीं वे गुजराती और हिंदी भाषा की 300 फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखा चुके थे.
गुजराती भाषा में उन्होंने अधिकतर धार्मिक और सामाजिक फिल्मों में काम किया. गुजराती फिल्मों का वे धीरे-धीरे एक लोकप्रिय चेहरा बन गए थे और गुजराती सिनेमा को उन्होंने अपने 4 दशक यानी कि 40 साल दिए. गुजराती सिनेमा में उनका योगदान क्या था इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात सरकार द्वारा प्रदान की गई गुजराती फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए 7 पुरस्कार अरविंद त्रिवेदी ने अपने नाम किए थे.
राजनीति में भी आजमाया हाथ, बने सांसद…
अरविंद त्रिवेदी राजनीति में भी हाथ आजमा चुके थे और वे सांसद रह चुके थे. भारतीय जनता पार्टी की ओर से उन्होंने चुनावी मैदान में हुंकार भरी थी. साल 1991 में वे भाजपा से साबरकथा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए. इस सीट से अरविंद त्रिवेदी साल 1996 तक सांसद रहे.
उड़ चुकी थी निधन की अफवाह…
बता दें कि इससे पहले इसी साल मई माह में अरविंद त्रिवेदी के निधन की अफ़वाह भी उड़ी थी. इसके बाद उनके भतीजे कौस्तुभ ने सामने आकर इन अफ़वाहों को विराम दिया था. वहीं ‘रामायण’ में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने भी फैंस को गलत ख़बर के बारे में जानकारी दी थी.