लखीमपुर घटना की वायरल वीडियो के बाद सामने आए मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा, वीडियो की खोली पोल
लखीमपुर घटना पर आशीष मिश्रा ने रखा अपना पक्ष, कह दी ऐसी बात जिससे फर्जी किसानों की खुल गई पोल...
यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में जो हुआ वो बेहद दुखद, भयानक और शर्मनाक है। इसमें कतई दो राय नहीं, लेकिन वास्तविक रूप से लखीमपुर खीरी में क्या हुआ? यह जानना भी बेहद जरूरी है। वहीं इसी बीच अब लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी दौड़ाने का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी आशीष मिश्रा सामने आए हैं। बता दें कि एक प्रतिष्ठित मीडिया हाउस से बातचीत में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष ने अपना पक्ष सबके सामने रखा है।
किसानों के दावे के उलट आशीष का कहना है कि वह उस समय गाड़ी में थे ही नहीं। ऐसे में मामला काफी उलझ गया है। गौरतलब हो कि लोगों को समझ नहीं आ रहा कि आखिर उस दिन हुआ क्या था और कौन सच बोल रहा है? ऐसे में आइए जानते हैं कि किसानों का दावा क्या है और अब आशीष मिश्रा ने अपनी सफाई में क्या- क्या कहा है…
बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और तभी से सूबे में सियासी उफ़ान देखा जा रहा है।
जानिए वीडियो में क्या?…
TW: Extremely disturbing visuals from #LakhimpurKheri
The silence from the Modi govt makes them complicit. pic.twitter.com/IpbKUDm8hJ
— Congress (@INCIndia) October 4, 2021
गौरतलब हो कि 29 सेकेंड के वायरल वीडियो की शुरुआत में कुछ किसान जिसमें सिख और युवा दिखाई पड़ रहे। वे वीडियो में चलते हुए दिखाई देते हैं। अगले सेकेंड में इन लोगों के हाथ में काला झंडा और बैनर भी दिखाई दे जाता है। तभी सायरन की आवाज सुनाई देती है और तेज रफ्तार एक गाड़ी किसानों को कुचलते हुए निकल जाती है। वीडियो को एक-एक फ्रेम में चलाकर देखने से साफ पता चलता है कि सबसे पहले एक पीली पगड़ी पहना बुजुर्ग व्यक्ति इस गाड़ी की चपेट में आते ही बोनट पर उछल जाता है, अगले पल कोहराम मच जाता है और कई लोग जमीन पर पड़े दिखते हैं। वीडियो से साफ पता चलता है कि कई लोग उस ‘किलर जीप’ के नीचे आ गए होंगे।
किसानों का यह है आरोप…
वहीं लखीमपुर कांड को लेकर किसान नेताओं का आरोप है कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया उसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी बैठा था। किसानों का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से सड़क पर जा रहे थे तभी गाड़ी से उन्हें कुचलकर मार दिया गया। इतना ही नहीं तथाकथित किसान नेता राकेश टिकैत का आरोप है कि किसानों पर जानबूझकर गाड़ी चढ़ा दी गई।
आशीष ने टीवी पर आकर कहा, मैं होता तो जिंदा नहीं बचता…
गौरतलब हो कि टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू ने कहा कि घटना के दिन मैं अपने गांव में था, तिकुनिया गया ही नहीं। मैं वहां होता तो जिंदा नहीं होता। किसानों के हाथों में गड़ासे और लाठियां थीं। ये घटना है, मैं राजनीति नहीं करना चाहता। मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मेरे गांव बंघेरपुर गांव में 35 साल से मेरे बाबाजी के नाम से एक कुश्ती प्रतियोगिता चल रही है। मेरे पिता इसके अध्यक्ष थे। 10-12 साल से मैं इसे देख रहा हूं।
उपमुख्यमंत्री को चीफ गेस्ट बनने का अनुरोध किया था। तीन वाहन उनको रिसीव करने के लिए जा रहे थे। रास्ते में किसान लोगों ने हमारी गाड़ी पर हमला बोला। सबसे पहले जिस महिंद्रा थार गाड़ी से मैं चलता था, उसमें कार्यकर्ता बैठे हुए थे, जैसा सुनने में आया है उन पर पथराव किया गया। उसमें से एक दो लड़के जो घायल हैं, उन्होंने बताया कि ड्राइवर को पत्थर मारा गया और ड्राइवर अचेत हो गया। गाड़ी डिसबैलंस हो गई और उसमें हमारे चार कार्यकर्ताओं को, जिसमें मेरा ड्राइवर भी था उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
#EXCLUSIVE : लखीमपुर हिंसा मामले में खुद पर लगे आरोपों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री #AjayMishra के बेटे #AshishMishra ने कहा- ‘घटना के दिन मैं अपने गांव में था, तिकुनिया गया ही नहीं’#TimesNowNavbharat यहां देखें ?: https://t.co/GIgCUlgQ93 @Amir_Haque #LakhimpurKheriViolence pic.twitter.com/bvk78qWcEH
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) October 5, 2021
इतना ही नहीं आशीष की मानें तो उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम लोग कभी हिंसा के पक्ष में नहीं रहे हैं। जो हुआ वह नहीं होना चाहिए थे। उन्होंने कहा कि हमारे मारे गए तीन लोग बूथ स्तर के कार्यकर्ता थे। एक हमारा ड्राइवर था। वे लोगों को पीट-पीटकर कह रहे थे कि गाड़ी से कुचलने के लिए भेजा था…. वीडियो वायरल है। मैंने भविष्य में कभी नहीं सोचा था कि खुद को किसान कहने वाले इस तरह की घटना को अंजाम देंगे। यह नहीं होना चाहिए था। जिन्होंने कार्यकर्ताओं को मारा या जो अन्य लोग मारे गए हैं, सभी की निष्पक्ष जांच हो।
अजय मिश्रा ने मंत्री पद छोड़ने की बात कही…
वहीं बता दें कि लखीमपुर खीरी मामले को लेकर निशाने पर आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस घटना में अपने खिलाफ साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि मेरे बेटे की संलिप्तता का वीडियो दिखा दो, मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा। मिश्रा ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश की गई है। उन्होंने कहा कि, “प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच छुपे कुछ अराजक तत्वों ने वारदात के दौरान घायल हुए लोगों को पीट-पीटकर उनसे कहा कि तुम मंत्री का नाम लो।” इतना ही नहीं मिश्रा ने यह भी कहा कि, “मेरे बेटे पर भी आरोप लगाने का प्रयास किया गया है। जिस तरह गाड़ी से खींच-खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की साजिश रही हो।”
जो सूचनाएं और जो वीडियो देखने को मिल रहे हैं गाड़ी के ड्राइवर की वहीं पर खींचकर हत्या की गई। अगर मेरा पुत्र चला रहा होता तो उसकी हत्या हो गई होती। वहां इस तरह हजारो की भीड़ में 10-12 लोग किसी पर गाड़ी चढ़ाकर निकल जाएंगे ऐसा संभव नहीं है: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी pic.twitter.com/I2IzZ9hRGX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 5, 2021
आख़िर में बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने यह भी बताया कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकुनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं के वाहनों पर पथराव कर दिया जिससे एक वाहन पलट गया। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उनमें से शायद एक-दो लोगों की मृत्यु भी हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है। घटना के वक्त उनके पुत्र कार्यक्रम में मौजूद थे। ऐसे में इस घटना में उनके बेटे की संलिप्तता का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।