अध्यात्म

Navratri Facts: शेर कैसे बना मां दुर्गा की सवारी? जाने इसके पीछे की पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में कई प्रकार के देवी देवता हैं। हर देवी देवता का अपना अलग महत्व होता है। उनके अपने पर्व और त्यौहार भी आते हैं। इसके साथ ही प्रत्येक देवी देवताओं का एक वाहन भी होता है। मां दुर्गा के वाहन की बात करें तो ये सिंह यानि शेर है। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर से नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो रहा है। ये 14 अक्टूबर तक चलेगा। इन नौ दिनों भक्त माता रानी को प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं। कहते हैं कि इन नौ दिनों तक मां दुर्गा धरती पर ही विचरण करती हैं।

नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा होती है। कई लोग उनकी मूर्तियां भी स्थापित करते हैं। इस दौरान अधिकतर तस्वीरों और मूर्तियों में वे सिंह की सवारी करते नजर आती हैं। ऐसे में क्या आप ने कभी सोचा है कि आखिर मां दुर्गा ने शेर को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना? वह उनका वाहन कैसे बना? आज हम आपको इससे जुड़ी पौराणिक कथा सुनने जा रहे हैं।

पौराणिक कथा के मुताबिक मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कई सालों तक कठोर तपस्या की थी। एक दिन भगवान शिव ने मजाक में मां पार्वती को काली बोल दिया। यह सुन मां पार्वती नाराज हो गई। वे कैलाश पर्वत छोड़ तपस्या करने चली गई। जब वह अपनी तपस्या में ध्यानमग्न थी तब वहाँ एक भूखा शेर आ गया। वह मां पार्वती को अपना भोजन बनाना चाहता था। लेकिन जब उसने देखा कि पार्वतीजी पूरे तन-मन से तपस्या कर रही हैं तो वह रुक गया। उसने मां पार्वती की तपस्या के खत्म होने का भूखा प्यासा रहकर इंतजार किया।

मां पार्वती की तपस्या कई सालों तक चली। शेर भी उनकी आंख खुलने के इंतजार में वर्षों तक भूखा प्यासा रहा। जब पार्वतीजी की तपस्या पूर्ण हुई तो भोलेनाथ प्रकट हुए। उन्होंने मां पार्वती को गौरवर्ण यानी गौरी होने का वरदान दिया। इसके बाद मां पार्वती गंगा स्नान करने चली गई। जब वह नहाकर निकली तो उनके शरीर से एक सांवली लड़की प्रकट हुईं। यह कौशिकी या गौरवर्ण होने के बाद माता गौरी कहलाईं।

मां पार्वती की नजर जब भूखे- प्यासे बैठे शेर पर गई तो वह प्रसन्न हो गई। उन्होंने शेर को वरदान स्वरूप अपना वाहन बना लिया। बस तभी से शेर मां पार्वती का वाहन कहलाने लगा। वैसे शेर के मां पार्वती का वाहन बनने को लेकर एक और कथा काफी प्रचलित है।

यह दूसरी कथा स्कंद पुराण में पढ़ने को मिलती है। इसके अनुसार भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय द्वारा देवासुर संग्राम में दानव तारक और उसके दो भाई सिंहमुखम और सुरापदनम को हराया गया था। इस दौरान सिंहमुखम ने कार्तिकेय से माफी मांगने लगा था। इससे कार्तिकेय प्रसन्न हुए और उन्होंने खुश होकर उन्हें शेर बना दिया। इसके साथ ही उन्होंने सिंहमुखम को आशीर्वाद दिया कि वह मां दुर्गा का वाहन बनेगा। बस तभी से शेर को हम मां दुर्गा के वाहन के रूप में देखने लगे।

जब भी भक्त मां दुर्गा की पूजा करते हैं तो साथ में शेर की भी पूजा अर्चना करते हैं। इससे मां और भी अधिक प्रसन्न हो जाती है।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/