इस वज़ह से योगी आदित्यनाथ के ‘जनता दरबार’ में सुरक्षाकर्मी रखते हैं फरियादियों के कंधे पर हाथ
बड़े ही चरणबद्ध तरीक़े से आयोजित होता है सीएम योगी का जनता दरबार, जानिए पूरी प्रक्रिया...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक बेहतरीन पहल है जनता दरबार। जिसमें यूपी की जनता सीधा उनसे संवाद करती है और अपनी समस्याओं को बताती है। जी हां योगी सरकार का जनता दरबार भले वैश्विक महामारी के दौरान कुछ समय के लिए बंद रहा हो, लेकिन यह एक बार फ़िर शुरू हो चुका है।
ऐसे में हम आप सभी को बता दें कि योगी के जनता दरबार में फरियादियों के आने के कुछ नियम हैं और इस नियम के बाद एक विशेष बात यह भी है कि जब भी सीएम योगी किसी फरियादी के पास आते हैं तो तुरंत सुरक्षाकर्मी उस फरियादी के कंधे पर हाथ रखकर खड़े हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं योगी आदित्यनाथ के ‘जनता दरबार’ से जुड़ी कुछ विशेष बातें…
बता दें कि इस जनता दरबार मे महिला फरियादियों के लिए महिला और पुरुष फरियादियों के कंधे पर हाथ रखने के लिए पुरुष सुरक्षाकर्मी होते हैं।
योगी के जनता दरबार के लिए एक खास प्रोसेस होती है। यानी जनता दरबार में कितनी संख्या होगी और कैसे जनता यहां तक आ सकती है और जनता दरबार कहां और कब लगेगी आदि। यह सब एक प्रोसेस के भीतर रह कर किया जाता है।
इतना ही नहीं जनता दरबार में फरियादियों के लिए कुर्सियां लगा कर लाइन से लोगों को बैठाया जाता है। हर फरियादी के पीछे एक सुरक्षाकर्मी होता है।
गौरतलब हो कि योगी की जेड प्लस सुरक्षा का एक स्तर बढ़ाते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सीआईएसएफ कमांडो की टुकड़ी दी है। ये टुकड़ी उनके साथ हमेशा साए की तरह रहती है।
इस सीआईएसएफ कमांडो की टुकड़ी में कम से कम 25 कमांडो होते हैं। ये टुकड़ी फरियादियों के कंधे पर योगी सुरक्षा के लिए हाथ रखती है, ताकि कोई अनहोनी से बचा जा सके।
हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बुजुर्ग या महिलाएं उनके पैर या उनके सामने हाथ न जोड़ें इसके लिए भी सुरक्षाकर्मी कंधे पर हाथ रखते हैं।बता दें कि योगी का कहना था कि भारतीय संस्कृति में महिलाएं उनकी मां समान होती हैं और वह उनके आगे हाथ जोड़ें या पैर छुएं यह वह पसंद नहीं करते।
इतना ही नहीं जनता दरबार किस दिन होगा और किस टाइम पर होगा, इसका फैसला पूरी तरह से ख़ुद सीएम योगी आदित्यनाथ ही करते हैं और दरबार में 50 से 100 लोगों को सीएम अपने घर बुलाते हैं। लोगों का सेलेक्शन एप्लीकेशन फॉर्म से होता है। इस एप्लीकेशन को सीएम हाउस में बने ऑफिस में जमा करना होता है।
इसके बाद यूपी भर से आई एप्लीकेशन में से प्रॉयर्टी के हिसाब से लोगों को कॉल करके जनता दरबार के लिए बुलाया जाता है। बता दें कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में मंथ के लास्ट बुधवार को जनता दरबार लगाते थे।