कर्मों के मुताबिक फल देने वाले शनि देव (Shani Dev) की टेढ़ी नजर से सभी को बचकर रहना ही बेहतर होता है. वे झूठ बोलने वाले, बुरी आदतें रखने वाले लोगों को बुरा फल देते हैं, वहीं ईमानदार लोगों को रुपया-पैसा, सम्मान दिलाते हैं. ज्योतिषशास्त्र की माने तो शनि एक मात्र ऐसे देव हैं जो संतुलन स्थापित करते हैं. कहा जाता है कि, शनि देव के प्रभाव से मनुष्य क्या देवता और असुर भी नहीं बच पाते है. शनिवार का दिन विशेष रूप से शनिदेव का ही माना जाता है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है. जिन लोगों की कुण्डली में शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की आरती अवश्य ही करनी चाहिए.
इसके साथ ही साल में पड़ने वाले कई खास मौकों पर भी शनि के उपाय करके अच्छे फल की प्राप्ति की जा सकती हैं. लेकिन एक बात हमेशा ध्यान रखे कि शनि देव की पूजा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, वरना यह बहुत भारी पड़ सकती है. आप शनिवार के दिन किसी भी हनुमान जी के या शनिदेव के मंदिर में जा कर पहले शनिदेव के इन मंत्रों में से किसी एक का जाप करें. मंत्रो का जाप करने के बाद सरसों के तेल का दिया जला कर शनिदेव की आरती करनी चाहिए. इन उपायों से शनि की कुदृष्टी के प्रभाव से बचा जा सकता है और शनि देव का शुभ फल प्राप्त किया जा सकता है.
-शनिदेव के मंत्र:
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ऊँ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
-शनिदेव की आरती:
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
इन बातों का रखें खास ध्यान
शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति पर या पीपल के पेड़ पर तेल अर्पित करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि, तेल मूर्ति पर ही चढ़े, ना कि इधर-उधर कहीं गिरे. यदि आपका तेल अर्पित करना संभव न हो तो गरीब-जरूरतमंदों को तेल दान कर दें.
इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि कभी भी शनि देव के सामने खड़े होकर दर्शन ना करें शनि की सीधी नजर कभी आप पर नहीं पड़नी चाहिए. उनके सामने खड़े होकर तेल न चढ़ाएं. इसके साथ ही शनिदेव के ऐसे मंदिर में जाय जहां वे मूर्ति की बजाय शिला रूप में स्थापित हों. इसके अलावा पीपल के पेड़ पर तेल चढ़ाना, दीपक जलाना भी अच्छा तरीका है. ध्यान रहे कि शनिवार के दिन जूते-चप्पल, तेल आदि शनि से जुड़ी चीजें न खरीदें. बल्कि इस दिन चमड़े के जूते-चप्पल जरूरतमंदों को दान करें.