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17 वर्षीय नेशनल बैडमिंटन प्लेयर को आया हार्टअटैक, मौत के पहले बना रही थी बिल्ली का घर

हार्टअटैक की वजह से मौत होना एक आम बात है। अधिकतर यही देखा जाता है कि ये हार्टअटैक 30 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही आता है। लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल में एक 17 साल की लड़की की हार्टअटैक आने से मौत हो गई। उसे जब दिल का दौरा पड़ा तब वह छत पर बिल्ली के लिए घर बना रही थी। लड़की का नाम श्रुति है जो कि बैडमिंटन की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी थी। श्रुति के निधन से खेल जगत और विद्युत नगरी में शोक का माहौल है। उसकी मौत की खबर से पूरा शहर हैरान है।

दरअसल गुरुवार शाम को श्रुति अपने घर की छत पर बेहोशी की हालत में मिली थी। श्रुति एक खिलाड़ी होने के साथ साथ प्रकृति प्रेमी भी थी। वह छत पर बिल्ली के लिए घर बनाने गई थी। कुछ देर बाद जब उसकी बहन छत पर गई तो उसे श्रुति बेहोशी की हालत में मिली। ऐसे में घरवाले तुरंत उसे मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अस्पताल ले गए। लेकिन यहाँ प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बात पर घरवालों को यकीन नहीं हुआ। हर कोई यही सोचता रह गया कि आखिर श्रुति की मौत कैसे हुई।

इसके बाद पुलिस मौके पर आई और शुक्रवार सुबह 11 बजे एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान, टीआई आदित्य सेन, चौकी प्रभारी राकेश सरियाम, उपनिरीक्षक अलका राय की उपस्थिति में बच्ची का डॉ. विश्वनाथ झरबड़े ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि श्रुति की मौत का कारण हार्टअटैक और शरीर में खून की कमी थी।

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देख डॉक्टर खुद हैरान थे। श्रुति के सिर में खून का थक्का जम गया था। इतनी कम उम्र में लड़की को हार्टअटैक आना अपने आप में अचरज वाली बात है। उधर परिवार के लोगों को भी हार्टअटैक वाली बात हजम नहीं हुई। उनके अनुसार इसके पहले श्रुति को कभी कोई भी हेल्थ प्रॉब्लम नहीं थी।

श्रुति एक खिलाड़ी, प्रकृति प्रेमी होने के साथ एनिमल लवर भी थी। वन्य जीव और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले आदिल खान कहते हैं कि श्रुति मेरी छोटी बहन जैसी थी। उसे जानवरों से बहुत लगाव था। वह जब भी किसी गाय, कुत्ता, बिल्ली को घायल स्थिति में देखती थी तो कॉल कर इलाज करवाने की बात करती थी। वह अक्सर जानवरों के इलाज हेतु दवाइयों के नाम पूछा करती थी। । श्रुति के निधन से वन्य जीव संरक्षण विभाग में भी शौक की लहर है।

श्रुति ने इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा पास की थी। वह पढ़ने में बहुत अच्छी थी। केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य हरिप्रसाद धारकर ने भी श्रुति के निधन पर शौक व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि श्रुति कई बार केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व कर चुकी थी। उसका निधन हमारे लिए किसी सदमे से कम नहीं है। परवर के प्रति हमारी गहरी शोक संवेदनाएं हैं।

श्रुति बैडमिंटन में जूनियर नेशनल चैंपियन थी। वहीं 12 बार वह जूनियर नेशनल बैडमिंटर प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी थी। श्रुति के पिता सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन में डीई के पद पर जॉब करते हैं। उनका परिवार सारणी की एबी टाइप कॉलोनी का रहने वाला है।

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