CPI ऑफिस से AC निकालकर कांग्रेस दफ़्तर में लगाने ले गए कन्हैया कुमार
सीपीआई ऑफिस से एसी निकालकर कांग्रेस दफ़्तर में लगाने ले गए कन्हैया कुमार। जानिए पूरी ख़बर...
सीपीआई से मोहभंग होने के साथ ही अब जेएनयू वाले कन्हैया कुमार कांग्रेस के हो गए हैं। जी हां 28 सितंबर को जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार अपनी पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में शामिल होते ही देश बचाने की बात करने वाले कन्हैया कुमार अपनी विचारधारा ही नहीं बचा सकें,
जो सबसे बड़ी अचरज की बात है और ऐसे में वह देश बचाने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए या अपना राजनीतिक भविष्य। यह अब आम जनता को तय करने दीजिए, लेकिन हम आपको बता दें कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले कन्हैया कुमार अपने द्वारा पटना स्थित सीपीआई के प्रदेश कार्यालय में लगवाया गया एसी भी निकाल ले गए।
गौरतलब हो कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीपीआई के प्रदेश सचिव रामनरेश पांडेय ने कन्हैया द्वारा एसी निकाले जाने की पुष्टि की है। रामनरेश पांडेय ने कहा कि कन्हैया कुमार ने सीपीआई के बिहार प्रदेश कार्यालय के अपने कक्ष में एसी लगवाया था। जिसे वो कुछ महीनों पहले निकाल ले गए। रामनरेश पांडेय ने यह भी कहा कि कुछ दिनों पहले उन्होंने एसी ले जाने की बात पार्टी पदाधिकारियों के सामने कही थी। जिसके बाद पार्टी पदाधिकारियों ने उन्हें एसी ले जाने की इजाजत दी और वे एसी लेकर चले गए।
बता दें कि पिछले कुछ समय से कन्हैया कुमार और सीपीआई के बीच के रिश्ते ठीक नहीं हैं। कहा जा रहा है कि इसी साल फ़रवरी में हैदराबाद में सीपीआई की बैठक में कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। सीपीआई कार्यालय में कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ मारपीट को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था। बैठक में 110 सदस्य मौजूद थे जिसमें तीन को छोड़कर बाकी सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किए जाने का समर्थन किया था। तभी से कन्हैया के रिश्ते अपनी ही पार्टी के साथ तल्ख़ हो गए थे।
कन्हैया सीपीआई के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें उस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव के बाद से ही वे पार्टी के कार्यक्रमों में ज्यादा नजर नहीं आते थे। कहा ये भी जा रहा है कि कन्हैया कुमार पार्टी में बड़ा ओहदा मांग रहे थे। जिसे खारिज कर दिया गया था। इन्हीं वजहों से भी उनके पार्टी से नाराज होने की ख़बरें सामने आई थी।
पार्टी से नाराजगी के बीच ही बीते दिनों गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने ऐलान किया था कि 28 सितंबर को जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल होंगे। दोनों नेताओं की मुलाकात कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी हो चुकी है। कन्हैया कुमार 2014-2015 में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। छात्र संघ अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान जेएनयू में कथित तौर पर लगे आजादी के नारों के बाद ही वे सुर्ख़ियों में आए थे।