मध्य प्रदेश में बना देश का पहला साउंड प्रूफ हाइवे, दिख रहा जन्नत जैसा नज़ारा। देखें वीडियो…
दोनों तरफ़ हसीन जंगल की वादियां और बीच में साउंड प्रूफ हाइवे, 29 किमी पर खर्च आया 960 करोड़ , जानें खासियत
उम्मीद है कि अभी तक आपने साउंड प्रूफ रूम के बारे में ही सुना होगा लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साउंड प्रूफ़ रोड़ भी हो सकती है। जी हां पढ़कर चौंकिए मत, विस्तार से इस ख़बर को पढ़िए तो सभी कुछ स्वतः समझ मे आ जाएगा और आप इस बारे में सबकुछ जानकर रोमांचित हो उठेंगे इसकी जिम्मेदारी हमारी।
सोचिए भव्य नजारे, हसीन वादियां और खूबसूरत हाइवे… शायद इन तीन चीजों को जब एक जगह आप देखेंगे तो उम्मीद तो यही कि जाएगी कि आप पर्यटन स्थलों को भूल जाएंगे और बार-बार यहां से गुजरना चाहेंगे। बता दें कि एमपी के सिवनी जिले में देश का भव्य साउंड प्रूफ हाइवे बना है। देश में इससे पहले कहीं साउंड प्रूफ हाइवे नहीं बना है।
29 किमी के निर्माण में करीब 960 करोड़ रुपये की लागत आई है। यहां से गुजरने वाले लोग हाइवे पर रुककर तस्वीर खींचाते हैं। गाड़ियां हवा से बात करती हैं। लेकिन शोर हाइवे के नीचे नहीं सुनाई देता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में…
एनएच-44 (NH-44) का हिस्सा है साउंड प्रूफ रोड…
बता दें कि एमपी के सिवनी से होते हुए नागपुर की तरफ जाने वाली 29 किमी लंबी सड़क को साउंड प्रूफ बनाया गया है। 16 सितंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनएच-44 (NH-44) पर इसका लोकार्पण किया है। गौरतलब हो कि ये हाइवे तकनीक और इंजीनियरिंग की शानदार मिसाल है। शानदार चमचमाती सड़क गाड़ियों की आवाजाही के लिए है तो वहीं हाइवे के नीचे जंगली जानवरों के गुजरने के लिए बनाए गए हैं ऐनिमल अंडरपास।
इतना ही नहीं इस हाइवे पर गुजरने वाले वाहनों की लाइट और साउंड सड़क से बाहर नहीं जा सकेगी। बता दें कि इस खास हाइवे को बनाने का उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा है। हाइवे को इस तरह तैयार किया गया है कि, इससे वन्यजीवों को एक्सीडेंट्स से तो बचाया ही जा सकेगा, साथ ही साथ वाहनों की आवाज और रोशनी से भी वन्यजीव सुरक्षित रहें।
वहीं केंद्रीय परिवहन विभाग की मानें, तो अगर इस तरह का हाइवे सफल रहा, तो देशभर से गुजरने वाली सड़कों और हाइवे को इसी व्यवस्था के तहत डेवलपमेंट किया जाएगा। इस तरह की व्यवस्था न सिर्फ वन्यजीवों बल्कि आम जन के लिये भी बेहद फायदेमंद होगी। इसका मुख्य लाभ नागरिकों और ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को होगा।
ये सड़क सचमुच अमेरिका की सड़कों जैसी…
गौरतलब हो कि एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कुछ साल पहले कहा था कि हमारे यहां की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं। तो अगर सचमुच सीएम शिवराज की इस बात को सच होते देखना है तो सिवनी में इस हाइवे से गुजरने के बाद आपको कुछ ऐसा ही फील होगा। बता दें कि शानदार सड़क, रोड के दोनों तरफ जंगल के नजारे के बीच सफर लोगों को जन्नत सा एहसास देता है। अच्छी सड़क होने की वजह से लोगों को दूरी तय करने में भी समय कम लगता है।
पेंच टाइगर रिजर्व का हिस्सा है यह…
इस हाइवे का 29 किमी का हिस्सा पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन से होकर गुजरता है। यहां से जानवरों की आवाजाही है। हाइवे से गुजरने के दौरान जानवरों के साथ-साथ लोगों को भी खतरा रहता है। ऐसे में जानवरों की सुरक्षा और उनकी सुविधा का ख्याल रखते हुए इस साउंड प्रूफ हाइवे का निर्माण किया गया है। ताकि जंगली जानवरों को कोई परेशानी नहीं हो।
960 करोड़ की लागत में बनकर हुआ तैयार…
बता दें कि इस 29 किलोमीटर के हाइवे की कुल लागत करीब 960 करोड़ रुपए है। मोहगांव से खवासा के बीच 3145 मीटर लंबाई के 14 अंडरपास बनाए गए हैं ताकि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी आसानी से विचरण कर सकें। हाइवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब ना करे। इसके लिए भी फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी की गई है।
वहीं इस हाइवे पर एक भी गड्ढा नहीं है। सफर के दौरान आपको बंदरों की टोली नजर आएगी। साथ में कहीं भी आपको जरा सा जर्क महसूस नहीं होगा। वन्यप्राणियों की सुरक्षा के मद्देनजर इसके निर्माण में काफी देर हुई। वन और पर्यावरण विभाग ने तब तक हाइवे के निर्माण की मंजूरी नहीं दी, जब तक NHAI के अधिकारियों ने वन्यप्राणियों की सुरक्षा का फूलप्रूफ प्लान नहीं दिया।
बता दें कि वाइल्ड लाइफ सेफ्टी के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश में पहली बार इस तरह के हाइवे का निर्माण किया है। सड़क के ऊपर गाड़ियों का ट्रैफिक होता है तो सड़क के नीचे बनाए गए ऐनिमल अंडरपास से बाघ समेत दूसरे जानवरों की आवाजाही बिना रुके बनी रहती है। तो आशा करते हैं कि समझ में आ गई होगी पूरी कहानी, वह भी साउंड प्रूफ रोड़ की। आख़िर में सिर्फ़ एक छोटी बात यह कहानी पढ़कर आपको कैसा लगा हमें कमेंट कर अवश्य बताएं।