ताउम्र कुंवारी ही रह गई लता मंगेशकर, 13 की उम्र में हुई बुरी घटना ने बदल दी थी ज़िंदगी
28 सितंबर 1929 को मराठी संगीतकार और थिएटर अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर एवं शीवंती मंगेशकर के घर एक महान गायिका ने जन्म लिया. जिन्हें पूरी दुनिया लता मंगेशकर के नाम से जानती हैं. लता जी का नाम पहले ‘हेमा’ रखा गया था हालांकि जब वे पांच साल की हुई तो उन्हें नया नाम ‘लता’ दिया गया. इसी उम्र से उन्होंने अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर के साथ संगीत सीखना शुरू कर दिया था. संगीत की कला लता जी को पिता से विरासत में मिली.
लता जी आज 92 साल की हो चुकी हैं. 36 से ज्यादा भाषाओं में करीब 30 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी लता मंगेशकर ने कभी शादी नहीं की. इसके पीछे की वजह का ख़ुलासा भी खुद उन्होंने ही किया था. लता जी के मुताबिक़, जब वे 13 साल की थी तब उनके पिता का निधन हो गया था और ऐसे में उन पर घर-परिवार एवं अपने भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी आ गई थी.
लता जी ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि कई बार शादी का ख्याल आया पर ऐसे मैं उस पर अमल नहीं कर सकती थी. कम उम्र से ही मैंने काम शुरू कर दिया था. बता दें कि लता जी ने 11 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था. वहीं जब वे 13 साल की थी तो उन्होंने मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ के लिए गाया. यह साल 1942 की बात है.
वहीं लता जी ने हिंदी सिनेमा में अपने कदम एक गायिका के रूप में साल 1947 में रखे थे. इस दौरान उनकी उम्र 18 साल थीं. फिल्म ‘आपकी सेवा’ के लिए लता जी ने गाना गाया था. हालांकि कभी लता की आवाज को पतली बताकर उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था. दरअसल, लता जी के गुरु गुलाम हैदर ने एस मुखर्जी को फिल्म ‘शहीद’ के लिए लता की आवाज सुनाई थी. हालांकि लता जी की आवाज को उन्होंने पतली बताकर उन्हें काम देने से मना कर दिया.
हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ अभिनेता रहे दिलीप कुमार से लता जी के बेहद मधुर संबंध रहे हैं. वे दिलीप कुमार को बड़ा भाई मानती थीं और उन्हें राखी भी बांधती थी. हालांकि एक बार जब गुलाम हैदर, लता मंगेशकर और दिलीप कुमार मुंबई की लोकल ट्रेन में कहीं जा रहे थे तब हैदर ने दिलीप कुमार को लता की आवाज सुनाने के बारे में सोचा. ऐसे में लता जी ने गाना शुरू किया और दिलीप ने उन्हें टोकते हुए कहा कि मराठियों की आवाज से ‘दाल-भात’ की गंध आती है. इसके बाद लता जी ने अपने उच्चारण पर काम किया और हिंदी और उर्दू सीखने के लिए एक टीचर लगा लिया.
लता मंगेशकर को संगीत की दुनिया में उनके अमूल्य और कभी न भूलने वाले योगदान के लिए भारत के तीनों सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न साल 2001, पद्म भूषण साल 1969 और पद्म विभूषण साल 1999) से सम्मानित किया गया है.
वहीं वे तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों से भी सम्मानित की जा चुकी हैं. जबकि लता जी को साल 1990 में हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
बता दें कि लता जी 10 सालों से गायकी से दूर है. साल 2011 में उन्होंने ‘सतरंगी पैराशूट’ गाने को अपनी आवाज दी थी.