महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस का महागठबंधन इन दिनों चर्चा में है कारण है बीजेपी और शिवसेना के फिर से गठबंधन की अटकलें। हालांकि दोनों ही इस बात से इनकार कर रहे हैं। हमेशा की तरह शिवसेना का रवैया कभी बीजेपी पर निशाना साधना तो कभी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ का रहा है लेकिन कुछ दिनों से पार्टी के मुख्य पृष्ठ सामना में भी मोदी की तारीफ की गई है। इसी बीच पुणे में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने एक बड़ा बयान दिया है जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया है।
पुणे में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजय रावत ने कई मुद्दों पर बात की, उन्होंने महाराष्ट्र में जल्द ही सीएम बदलने की चर्चाओं पर पूरी तरह से विराम लगा दिया और कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। 2024 तक महाराष्ट्र में महाअघाड़ी की सरकार बनी रहेगी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। राउत से जब पूछा गया कि उद्धव ठाकरे दिल्ली क्यों गए थे तो उन्होंने बताया, वो दिल्ली के कामकाज के तरीके का जायजा लेने गए थे इसके पीछे दूसरी कोई वजह नहीं थी। गुजरात का मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बन सकता है तो महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता।
प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की भी तैयारियां तेज हो गई है इसको लेकर पार्टियां अपनी रणनीति बना रही है। राज्य में भले ही कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना गठबंधन में हो लेकिन नगर निकाय चुनाव में वो एक साथ लड़े ऐसा जरूरी नहीं है। हालांकि संजय राउत ने गठबंधन की तरफ इशारा किया है। उन्होंने कहा अजीत पवार पुणे के संरक्षक मंत्री हैं, हम उनसे और शरद पवार से पुणे नगर निगम चुनाव में गठबंधन के लिए बात करेंगे। समझ में आ जाए तो अच्छा है नहीं तो दूसरा रास्ता देखा जाएगा। शिवसेना भगवा झंडे से कभी कोई समझौता नहीं करेगी।
सीएम बन सकता है तो पार्षद क्यों नहीं
पार्टी को अगले साल की शुरुआत में महाराष्ट्र के लगभग दस शहरों में अपने दम पर निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर एनसीपी और कांग्रेस के साथ सम्मान से गठबंधन हो जाता है तो ठीक रहेगा, नहीं तो पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। चाहे कुछ भी हो जाए पिंपरी-चिंचवड़ में हमें अपना मेयर रखना होगा। अगर हमें 56 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है, तो हमें 40 से 50 पार्षदों के साथ महापौर का पद भी मिल सकता है।
पीएम की तारीफ
वैसे तो शिवसेना का कोई भी नेता प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ सीधे कभी कुछ नहीं बोलता, विपक्ष में होने के चलते कभी उनकी तारीफ भी नहीं करता। लेकिन हाल ही में शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा था मुसलमानों को देशभक्त कहने पर मोदी का हिंदुत्व कम नहीं हुआ प्रधानमंत्री होने के नाते वह सभी समुदायों के प्रतिनिधि है कुछ मुसलमानों के आतंकवादी होने कई मतलब नहीं है कि सभी मुसलमान आतंकवादी हैं। सामना में छपे इस लेख के बाद बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन की अटकलें और तेज हो गई है।