जब अंतिम संस्कार में रोने के लिए चंकी पांडे को मिल रहे थे 5 लाख रु, एक्टर ने ऐसे किया सौदा
हिंदी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता चंकी पांडे आज 59 साल के हो गए हैं. कई फिल्मों में नज़र आ चुके चंकी का जन्म आज ही के दिन साल 1962 में मुंबई में हुआ था. उनके पिता का नाम शरद पांडे था जबकि माता का नाम स्नेहलता पांडे था. बता दें कि चंकी की मां का कुछ दिनों पहले ही निधन हुआ है.
चंकी पांडे का फ़िल्मी करियर अपने समकालीन अभिनेताओं के मुकाबले कुछ ख़ास तो नहीं रहा हालांकि अपने करियर में चंकी कभी रुके नहीं. वे लगातार काम करते रहे और अब भी फिल्मों में सक्रिय है. एक फ्लॉप एक्टर की श्रेणी में गिने जाने के बावजूद चंकी काफी लोकप्रिय हैं. बता दें कि यूं तो चंकी से जुड़े कई किस्से है हालांकि आपको जो किस्सा हम बताने जा रहे हैं वो काफी मजेदार है और इसे सुनकर आप काफी हैरान भी होंगे. दरअसल, एक बार चंकी को किसी अनजान शख़्स की मौत पर रोने के लिए लाखों रुपये ऑफ़र हुए थे. आइए इस किस्से के बारे में विस्तार से जानते हैं.
आपको जो हम किस्सा सुना रहे है वो साल 2009 से जुड़ा हुआ है. आम तौर पर किसी शादी, जन्मदिन की पार्टी आदि में बॉलीवुड कलाकारों को बुलाया जाता है जहां वे मेहमान के रुप में शामिल होते है या एक परफॉर्मर के रुप में. हालांकि चंकी को तो किसी ने मातम में आने के लिए कहा था और वो भी लाखों रुपये के बदले में.
बता दें कि मुलुंद की बिजनेसमैन फैमिली द्वारा चंकी को कॉल किया गया था. चंकी से इस परिवार ने यह कहा था कि वे परिवार के वारिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आए. परिवार के लोगों ने अभिनेता को साथ में पांच लाख रुपये का ऑफर भी दिया था हालांकि चंकी ने इसे अस्वीकार कर दिया था हालांकि वे परिवार का दुःख समझते थे तो ऐसे में उन्होंने अपनी जगह एक रिप्लेसमेंट भेज दिया था.
बता दें कि इस किस्से का ख़ुलासा खुद अभिनेता ने अपने साक्षात्कार में किया था. उन्होंने बताया था कि, “वह लोग चाहते थे कि मैं जाकर थोड़ा रोना-धोना करूं और इसके बाद पूरे अंतिम संस्कार में चुप-चाप एक कोने में खड़ा रहूं. ऐसा इसलिए क्योंकि वे चाहते थे कि घर आए मेहमानों पर इसका प्रभाव पड़े. लोगों को ऐसा लगे कि उनके परिवार ने फिल्मों में भी इंवेस्टमेंट की हुई है और इस वजह से वह कुछ लोगों की उधारी अभी नहीं दे पाएंगे.”
चंकी पांडे ने अपने साक्षात्कार में यह भी कहा था कि ऐसे काम के लिए जहां एक जगह खड़े रहना था उसके लिए पांच लाख रुपये कोई छोटी रकम नहीं होती लेकिन उन्होंने यह ऑफ़र ठुकरा दिया था. बाद में अपने स्थान पर अभिनेता ने किसी और को भेजा था.
बता दें कि चंकी ने अपने कदम साल 1987 में हिंदी सिनेमा में रखे थे. इस दौरान उनकी फिल्म ‘आग ही आग’ रिलीज हुई थी. इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद मेहरा, धर्मेंद्र, मौसमी चटर्जी आदि ने भी काम किया था. चंकी ने तेज़ाब, आंखें, हाउसफुल 4, हाउसफुल, तेज़ाब, खतरों के खिलाड़ी सहित करीब 80 फिल्मों में काम किया है.