ड्रोन की बड़ी डील समेत मोदी के अमेरिका दौरे से भारत को हुए 10 बड़े फायदे, पढ़िए हमें क्या मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने महत्वपूर्ण दौरे के बाद अमेरिका से स्वदेश लौट रहे हैं, लंबे समय बाद उनका यह अमेरिकी दौरा कई मायनों में अहम था। उन्होंने राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत कुल 14 बैठकें की जिनमें कई बैठ गए डिफेंस सेक्टर से जुड़ी हुई थी। प्रधानमंत्री ने भी अपने इस दौरे को खत्म करने के बाद इसे दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए उत्पादक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बताया है। उनके इन बैठकों से देश को काफी फायदा होने वाला है आइए अब जब मोदी का दौरा खत्म हो चुका है आपको बताते हैं कि इससे देश को क्या हासिल हुआ।
पहले मोदी बाइडेन में मुलाकात
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन के बीच करीब 45 मिनट तक बैठक हुई। दोनों नेताओं के बीच जलवायु परिवर्तन कोरोनावायरस से मुकाबला आर्थिक सहयोग भारत प्रशांत महासागर में स्थिरता जैसे मुद्दों पर प्राथमिक चर्चा हुई। बाइडेन ने खुद बताया कि पीएम मोदी ने चार T यानी प्रौद्योगिकी, व्यापार, ट्रस्टशिप और प्रतिभा के आधार पर बढ़ते संबंधों के लिए अगले 10 साल का रोडमैप तैयार किया है। दोनों देशों के बीच संबंध करीब और मजबूत हुए हैं। मीटिंग के दौरान दोनों नेता गर्मजोशी से मिले। मुलाकात के वक्त वार्डन ने मोदी से मजाक करते हुए कहा था जिस कुर्सी पर आप बैठे है कभी यह मेरी कुर्सी हुआ करती थी।
कमला हैरिस से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मुलाकात सबसे अहम रही। पीएम मोदी ने उन्हें भारत की बेटी और दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए भारत आने का न्योता दिया। इस बीच सबसे महत्वपूर्ण ये रहा की मुलाकात के बाद का कमला हैरिस ने साझा बयान देते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और कहा कि वो भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा को खतरा ना दे। उन्होंने आतंकवाद के लिए इस्लामाबाद के समर्थन की निगरानी की आवश्यकता पर भी बल दिया।
खास 157 प्राचीन उपहार
अमेरिका के दौरे से लौटते का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई खास तोहफा भी मिला है जिसमें 157 प्राचीन मूर्तियां हैं जो कभी भारत से तस्करी करके अमेरिका ले जाई गई थी। यह मूर्तियां करीब 11 से 14 वी शताब्दी के बीच की है जिनमें हिंदू बौद्ध और जैन धर्म की मूर्तियां शामिल है। इसे राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा इसके लिए पीएम मोदी ने उन्हें धन्यवाद दिया।
व्यापार संबंध
हर बार की तरह प्रधानमंत्री ने अमेरिका के कुछ टॉप कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत मैप व्यापार क्षेत्र को बढ़ाने और उसके फायदों से उन्हें अवगत कराया। इसमें ड्रोन से लेकर 5G, सेमीकंडक्टर और सोलर तक के प्रमुख क्षेत्रों के पांच शीर्ष अमेरिकी कॉर्पोरेट शामिल थे। उन्होने एटॉमिक्स से विवेक लाल भी भारतीय अमेरिकन हैं। उन्होंने क्वालकॉम के क्रिस्टियानो ई आमोन, फर्स्ट सोलर के मार्क विडमार और ब्लैकस्टोन के स्टीफन ए श्वार्जमैन से भी मुलाकात की।
संयुक्त राष्ट्र में संबोधन
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने दुनिया को शांति का संदेश दिया। मोदी ने कहा जो आतंकवाद को पॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद जितना दुनिया के लिए खतरा है उतना ही उनके लिए भी है। इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोई भी देश अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए ना करें। यहां महिलाओं बच्चों और माय डिस्को हमारी मदद की जरूरत है हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
चीन को जवाब
Here is why the words of the wise Chanakya hold true today, especially in the context of the UN. pic.twitter.com/80jJB6tyC9
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2021
प्रधानमंत्री चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि समुद्र हमारी साझी विरासत है। समंदर इंटरनेशनल ट्रेड की लाइफ लाइन है हमें ध्यान रखना होगा की हम अपनी ओशन रिसोर्सेज का यूज करें ना कि उसे एब्यूज़ करें। हमें इसके एक्सपेंशन और एक्सक्लूजन से बचना होगा नियमों का पालन करना होगा। दुनिया को इसके लिए एक साथ आवाज उठानी होगी।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाए और महान कूटनीतिज्ञ चाणक का हवाला देते हुए कहा कि अगर सही काम सही समय पर ना हो तो वक्त उसकी कामयाबी खत्म कर देता है। अगर संयुक्त राष्ट्र को की प्रासंगिकता बनाए रखनी है तो उचित कदम उठाने होंगे और भरोसा जीतना होगा। यूएन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्लाइमेट क्राइसिस आतंकवाद और अफगानिस्तान के बाद और भी गहरे हो गए हैं।
क्वाड से संदेश
शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने क्वाड देशों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अलावा और दुनिया की शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा। क्वाड एक फोर्स फॉर ग्लोबल गुड की तरह काम करेगा, मुझे विश्वास है कि हमारा सहयोग हिंद प्रशांत के साथ-साथ शांति और समृद्धि स्थापित करेगा।