बिजनेस का भूत सवार था इसलिए बीच में ही छोड़ दिया कॉलेज, आज है 7050 करोड़ डॉलर का मालिक
कॉलेज की पढ़ाई छोड़ अडानी ने कैसे खड़ा किया 7050 करोड़ का साम्राज्य? पढ़ें रोचक कहानी
गौतम शांतिलाल अडानी (Gautam Shantilal Adani) भारत के बड़े बिजनेसमैन हैं। वह भारत के दूसरे जबकि एशिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं। वहीं दुनिया में सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में उनका नंबर 22 है। फोर्ब्स (Forbes) मैगजीन की लेटेस्ट रैंक के अनुसार गौतम अडानी की नेटवर्थ 7,050 करोड़ डॉलर है। आपको जान हैरानी होगी कि यहां तक पहुँचने के लिए गौतम अडानी ने बीच में ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी।
पत्रकार कमलेंद्र कंवर की पुस्तक ‘द राइज ऑफ गौतम अडानी (The Rise Of Gautam Adani)’ में इस बात का जिक्र पढ़ने को मिलता है। गौतम अडानी गुजरात यूनिवर्सिटी से बी कॉम की पढ़ाई कर रहे थे। उन्हें इस पढ़ाई में मजा नहीं आ रहा था। वे अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने कॉलेज के सेकंड ईयर में ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
पढ़ाई छोड़ने के बाद वह अपने पिता शांतिलाल अडानी (Shantilal Adani) के बिजनेस में हेल्प करने लगे थे। उनके पिताजी की कपड़ों को लपेटने वाला प्लास्टिक बनाने की फैक्ट्री थी। यह 1980 के दशक की बात है। तब धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) का भी बिजनेस की दुनिया में बड़ा नाम होने लगा था। संयोग भी ऐसा बना कि धीरूभाई अंबानी की रिलायंस कंपनी अडानी के पिता की फैक्ट्री के ग्राहकों में शामिल हो गई।
फॉर्च्यून पत्रिका (Fortune India) के एक संस्करण (जुलाई 2011) की कवर स्टोरी के मुताबिक वह गौतम ही थे जिन्होंने अपने पिता की फैक्ट्री को रिलायंस का ऑर्डर दिलाया था। गौतम दिनभर धीरूभाई अंबानी के घर के बाहर खड़े रहते थे। वे ये पता लगाने का प्रयास करते थे कि अन्य प्रतिस्पर्धी मार्केट में क्या रेट दे रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अडानी ने कम रेट ऑफर किया और रिलायंस को अपना ग्राहक बना लिया।
युवा गौतम अडानी ने कुछ समय तक पिता के कारोबार में हाथ बटाया, लेकिन फिर वे बोर हो गए और मुंबई चले गए। यहां वे हीरा कारोबारी महिंद्रा ब्रदर्स (Mahindra Brothers) के साथ काम करने लगे। उन्हें इस काम में बड़ा मजा आने लगा। महज दो साल के अंदर ही उन्होंने जावेरी बाजार में खुद का हीरा कारोबार स्टार्ट कर दिया।
हीरा के कारोबार में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद उन्होंने पीवीसी का आयात कर वैश्विक कारोबार में हाथ आजमाया। इस तरह धीरे धीरे अपनी मेहनत, सूझबुझ और साहस के बलबूते पर उन्होंने 100 से अधिक देशों में अपनी कंपनियां खड़ी कर दी। आज ये सभी कंपनियां अरबों का कारोबार कर रही हैं।
अडानी को लेकर एक दिलचस्प किस्सा मशहूर है। जब वे स्कूल में थे तो घूमने के लिए कांडला पोर्ट जाया करते थे। इतने बड़े पोर्ट को देख वे दंग रह जाते थे। तब कौन जानता था कि यहां आने वाला ये बच्चा एक दिन इसी विशाल कांडला पोर्ट का मालिक बन जाएगा। वर्तमान में अडानी समूह बंदरगाह से लेकर सौर ऊर्जा तक के कई सेक्टर में काम कर रहा है।
गौतम अडानी का यह सफर हम सभी को एक प्रेरणा देता है। यह हमे सिखाता है कि इंसान यदि एक बार कुछ करने की ठान ले तो कुछ भी हासिल कर सकता है।