राष्ट्रपति चुनाव: सोनिया गांधी से मिलने के बाद इस बीजेपी नेता के नाम पर बन सकती है आम सहमती!
नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्म होने वाला है, ऐसे में जैसे-जैसे राष्ट्रपति चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, सियासी हलचल तेज होती जा रही हैं. सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गढ़बंधन और बीजेपी के सभी समर्थक दल मिलकर अपने किसी उम्मीदवार के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसे में सभी चाहते हैं कि अगला राष्ट्रपति जो भी हो उसे आम सहमती से चुना जाये. वैसे संख्याबल के लिहाज से बीजेपी अपने पसंद के उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाने में सफल हो जाएगी मगर सभी यही चाहते हैं कि आम सहमती से राष्ट्रपति को चुना जाये जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की सहमती हो.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मेल-मिलाप :
इस उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी ने 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसे यह काम दिया गया है कि वह विपक्ष के नेताओं से मिलकर आम सहमती के लिए उन्हें राजी करे. इसके चलते शुक्रवार को समिति के नेता इस मुद्दे पर विपक्ष का नेतृत्व कर रही सोनिया गांधी से मिलेगी. ऐसे में ये अटकलें तेज हो गयी हैं कि सत्ताधारी दल में ऐसा कौनसा नेता है जिसके नाम पर आम सहमती आसानी से बन सके.
मीडिया में राजनैतिक जानकारों के हवाले से राष्ट्रपति पद के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. माना जा रहा है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एक ऐसी शख्सियत हैं जिनके नाम पर सभी दल एकजुट हो जायेंगे. इनके काम और इनके राजनैतिक कद के मद्देनजर सुषमा स्वराज के लिए सभी दलों से आम सहमती मिल सकेगी. हालांकि बीजेपी ने अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. अटकलों के मुताबिक राष्ट्रपति भवन की रेस में सुषमा स्वराज सबसे आगे हैं.
इनके अलावा बीजेपी की सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री के पद पर आसीन थावर चंद गहलौत, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम पर भी अटकलें लगाई जा रही हैं, मगर सुषमा स्वराज एक ऐसी उम्मीदवार हैं जो कि आम सहमति के लिए सबसे उपयुक्त मानी जा रही हैं, तृणमूल कांग्रेस ने सुषमा स्वराज के नाम पर अपना रुख स्पष्ट करते हुआ कहा कि अगर वो उम्मीदवार होंगी तो पार्टी विरोध करने की स्थिति में नहीं होगी. हालांकि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को ही लगानी है.