हमारे देश की एक खासियत है, यह संघर्षपूर्ण कहानियों से भरा हुआ है। हर गांव हर शहर में ऐसे युवक-युवती हैं जिन्होंने चुनौतियों को स्वीकार कर लंबी लड़ाई लड़ते हुए अपना मुकाम बनाया है। कहा जाता है कि आज महिलाएं हवाई जहाज भी उड़ा रही है तो कुछ डॉक्टर भी है लेकिन केवल इतना ही नहीं हमारे देश की महिलाएं हैं अब उच्च प्रशासनिक पदों पर भी हैं और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऐसी कहानी है एक युवती अनीता शर्मा की जोक शादीशुदा होने के बावजूद गांव से निकालकर डीएसपी के पद पर पहुंची और देश की सेवा कर रही हैं।
एक समय था जब अनीता संघर्ष भरा जीवन जी रही थी और सामने कोई रास्ता नहीं था। 17 साल की उम्र में उसकी 27 वर्षीय व्यक्ति से शादी हो गई थी और उसे गंभीर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। लेकिन उनमें कुछ करने का जुनून था उन्हें कुछ मुकाम हासिल करना था, अनीता ने जीवन में आगे बढ़ने का फैसला लिया और तलाक ले लिया। हालांकि तलाक लेने के पीछे उनकी चुनौतियां नहीं बल्कि पति के साथ उम्र का फासला और आपसी सामंजस्य था।
परिवार वालों ने परंपरा निभाने के चलते नाबालिक उम्र में ही शादी कर दी लेकिन अनीता ने पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने ग्रेजुएशन भी किया और सरकारी परीक्षा की तैयारी भी की। हालांकि ग्रेजुएशन के तीसरे वर्ष की परीक्षा देते वक्त उनके पति का एक्सीडेंट हो गया है पढ़ाई से ब्रेक लेना पड़ा। इसी बीच उन्होंने बैंक की परीक्षा भी पास कर ली लेकिन 3 साल में ग्रेजुएशन न कर पाने की वजह से उन्हें यह मौका गंवाना पड़ा। पर जब जीवन में कुछ करने की ठान रखी हो तो फिर किस्मत ही आड़े नहीं आती।
पति के एक्सीडेंट के बाद घर की जिम्मेदारी अनीता पर आ गई उन्होंने क्रैश कोर्स किया और पार्लर में काम करते हुए घर चलाया साथ ही वन विभाग की परीक्षा की तैयारी भी की। अनीता की मेहनत रंग लाई उन्होंने 4 घंटे में 14 किलोमीटर पैदल चलकर वन विभाग की परीक्षा पास की और उन्हें 2013 में बालाघाट में पहली पोस्टिंग मिल गई। लेकिन अनीता के स्वभाव में रुकना लिखा ही नहीं है। वनरक्षक बनने के बावजूद सब इंस्पेक्टर परीक्षा की तैयारी करती रही, लेकिन उनकी किस्मत में एक सिपाही नहीं बल्कि प्रशासक बनना लिखा था। वह एसआई के साथ ही मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी करती रही।
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कितने संघर्षों के बावजूद अनीता ने अपने पहले ही प्रयास में लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 17 वी रैंक हासिल जबकि सभी केटेगरी में उनकी 47 वीं रैंक थी। कहते हैं जिन्हें कुछ पाना हो वो कभी रुकता नहीं। अनीता यहां भी नहीं रुकी और डिप्टी कलेक्टर पद पाने के लिए फिर से तैयारी शुरू की और 2016 में उसे भी पास कर लिया। हालांकि फिलहाल डीएसपी पद पर कार्यरत हैं। अनीता एक मिसाल है कैसे चुनौती से घबराए बिना अगर लक्ष्य के लिए मेहनत करते रहो तो सफलता जरूर मिलती है।