बिहार का सिपाही निकला 10 करोड़ का मालिक, तनख्वाह से 550% ज़्यादा है आमदानी, छापे में हुआ खुलासा
बिहार में भ्रष्टाचार के नए नए रिकॉर्ड सामने आ रहे हैं हाल ही में रेत माफियाओं से सांठगांठ के चलते निलंबित राकेश दुबे अकूत संपत्ति के मालिक मिले थे। उनके घर EOU के छापे को अभी ज्यादा दिन भी नहीं हुए थे कि अब एक और पुलिस अधिकारी के भ्रष्टाचारी धन का खुलासा हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है की अधिकारी केवल सिपाही रैंक का है और उसकी संपत्ति लगभग 10 करोड़ के आसपास है जिसमें काली कमाई के धन से लेकर जमीन और मकान शामिल है।
मंगलवार को बिहार की आर्थिक अपराध इकाई यानी EOU ने पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज और उनके रिश्तेदारों के 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई उन पर संपत्ति से अधिक आय के मामले में की गई थी जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। नरेंद्र कुमार धीरज पटना जिला बल के एक सिपाही हैं लेकिन उनके पास आय से 9 करोड़ 47 लाख रुपए ज्यादा की संपत्ति मिली है जो उनकी वास्तविक आय से 544 प्रतिशत ज्यादा है। छापे के बाद धीरज समेत उनके साथ भाइयों और भतीजे को नामजद किया गया है।
सिपाही नरेंद्र कुमार लंबे समय से अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहा था। EOU को सूचना मिली थी कि उसके द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है और उसके पास बड़ी मात्रा में काला धन है जिसमें उसने अपने भाई और भतीजे के नाम पर अपनी संपत्तियां कर रखी है। पहले जांच एजेंसी ने शिकायत का सत्यापन किया और सही मिलने पर उसके सभी सात भाइयों और भतीजे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनिमय के तहत मामला दर्ज किया गया।
रसूखदार है धीरज
नरेंद्र कुमार धीरज की नियुक्ति सिपाही पुलिस बल में 1988 में हुई थी। तब से लेकर अब तक उसके सेवाकाल को 33 साल हो चुके हैं इसी दौरान उसने अथाह संपत्ति अर्जित की। एजेंसी ने बताया की सर्विस में आने से पहले वह केवल सामान्य खेती करने वाले परिवार से आता था और उसके पास कुछ ही जमीन थी।
लेकिन पिछले कुछ सालों में उसने अपने सभी भाइयों के नाम पर अलग-अलग जमीन की और मकान बनाए। पहले यह सभी भाई केवल उसकी कमाई पर आश्रित थे। वो बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन राज्य पुलिस के सिपाही-हवलदार का प्रतिनिधित्व करता है। राज्य स्तर पर पदधारकों के अलावा सभी जिला और इकाईयों में भी इसका संगठन कार्यरत है। हर 3 साल में इसका चुनाव होता है।
एजेंसी को उसकी कई संपत्तियों के बारे में पता चला था जिनमें पटना की महावीर कॉलोनी, सहार के मुजफ्फरपुर स्थित पैतृक आवास, भाई अशोक के अरवल स्थित मकान (अरोमा होटल के सामने), भाई सुरेन्द्र सिंह के आरा के भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित चार मंजिला और पांच मंजिला मकान, भाई विजेन्द्र कुमार विमल के आरा के कृष्णानगर स्थित पांच मंजिला मकान, भाई श्याम बिहार सिंह भोजपुर स्थित नारायणपुर के मॉल सह आवासीय मकान व छड़-सीमेंट की दुकान और भतीजा के आरा के अनाईठ स्थित आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान पर छापेमारी की गई।