रिसर्च में खुलासा: भारत में बच्चे पैदा कर के आबादी बढ़ाने में मुस्लिम सब से आगे, जबकि हिंदू केवल..
अमेरिकी थिंक टैंक पीउ रिसर्च रिपोर्ट में बताया कि मुस्लिम भारत में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं
एक तरफ हमारे देश में लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या को लेकर चिंता जताई जाती है और आए दिन जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी बातें होती है। सरकार भी कईं बार इस पर गंभीरता से विचार कर चुकी है। यहां तक कि हमारे देश में कई योजनाएं भी हैं जो जनसंख्या को काबू करने के लिए बनाई गई है। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं दिखता और जनसंख्या वैसे ही बढ़ती रहती है।
यही कारण है कि हम दुनिया में दूसरे पायदान पर हैं और जल्द ही पहले पायदान पर भी पहुंच सकते हैं। लेकिन इसी बीच अमेरिका की एक थिंक टैंक रिसर्च एजेंसी पीउ रिसर्च ने बच्चे पैदा होने की दर को धर्म के अनुसार समूह में बांटकर कर अपना सर्वे जारी किया है जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई।
रिपोर्ट में क्या है
रिपोर्ट में लिखा है कि देश में सबसे ज्यादा बच्चे मुस्लिम पैदा करते हैं। इसी सूची में दूसरे नंबर पर हिंदूओं का नाम आता है। बच्चे कम पैदा करने वालों की सूची में जैन धर्म आखिरी पायदान पर है। हैरान करने वाली बात यह है कि लगभग सभी धर्मों में बच्चों की जन्म दर में गिरावट देखने को मिली है। देश में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले मुस्लिमों में भी यह दर लगातार गिर रही है। यह दर वर्ष 1992 में प्रति महिला 4.4 थी, जो घटकर 2015 में 2.6 बच्चे हो गई है। देश में मुस्लिमों की आबादी वर्ष 2001 से 2011 के बीच में 13.4 प्रतिशत बढ़ी है।
सालों में हुए बदलाव
पीउ कि इस डाटा रिपोर्ट में पहली बार हुई जनगणना से लेकर अभी तक के आंकड़ों को कंपेयर किया गया है। वर्ष 1951 में पहली बार जनगणना के बाद से अभी तक जन्मदर में गिरावट के कारण सभी धार्मिक समुदायों में कुल मिलाकर बहुत थोड़ा ही बदलाव हुआ जबकि मुस्लिम समुदाय की आबादी दूसरे धर्मों के बजाय तेजी से बढ़ी है। देश की कुल जनसंख्या में हिंदुओं की आबादी 79.8 प्रतिशत है 2001 की जनगणना के मुताबिक किए 0.7 प्रतिशत कम है।
हिंदू मुस्लिम के बीच अंतर हुआ कम
अगर रिपोर्ट की माने तो इसके अनुसार मुस्लिमों में बच्चे पैदा करने की दर 4.4 थी जबकि हिंदू 3.3% की दर से बच्चे पैदा कर रहे थे। यह पैटर्न 1992 से चला आ रहा है जो अब भी जारी है। हालांकि दोनों के बीच का जो अंतर है वह थोड़ा कम हुआ है। इसके उलट जैन धर्म में सबसे कम दर से बच्चे पैदा होते हैं और उनकी दर केवल 1.2 प्रतिशत है। खास बात यह है कि मुस्लिमों की आबादी सआल 2001 से 2011 के बीच में 13.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। जबकि देश में अल्पसंख्यक धर्म जैन, बौद्ध सिख और इस आई जो देश की आबादी का केवल 6 प्रतिशत हैं उनकी जनसंख्या 1951 से अब तक स्थिर है।
पीउ रिसर्च क्या है
पीउ रिसर्च सेंटर एक ऐसी संस्था है जो तथ्यों के आधार पर जांच कर दुनिया के बदलते ट्रेंड पर नजर रखती है और आने वाले बदलावों के बारे में दुनिया को आगाह कर आती है। यह एक थिंक टैंक संस्था है जो गहन रिसर्च करने के बाद ही अपनी रिपोर्ट पब्लिश करती है जिसमें तथ्यात्मक आंकड़े होते और विशेषज्ञों की टिप्पणी होती है।