अध्यात्म

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भगवान के सगुन रूप की पूजा करने वाले उन्हें अपने घर में ऐसे स्थापित करते हैं, जैसे भगवान स्वयं घर में विराज करते हों। ज्यादातर लोगों को देखा गया है कि वह अपने घर में श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की फोटो या मूर्ति रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि घर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की फोटो या चित्र रखना काफी शुभ होता है। घर में मूर्ति रखने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसमें प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाए।

श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की तस्वीर घर के डाइनिंग रूम में लगाएं:

प्राण-प्रतिष्ठा करवाने के बाद मूर्ति को घर के मंदिर में स्थापित करें। श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की तस्वीर जिसमें वह मक्खन खाते हैं, उसे घर के डाइनिंग रूम में लगाएं। अगर आप संतान प्राप्ति चाहते हैं तो बालगोपाल की तस्वीर को बेडरूम में पूर्व या पश्चिम दिशा में लगाएं। हिन्दू शास्त्रों की मानें तो भगवान की तस्वीर या मूर्ति जो घर में स्थापित की जानी चाहिए, उसमें उनकी पीठ नहीं दिखनी चाहिए। अगर उनकी पीठ दिख रही हो तो उसे कपड़े से ढंक दें या दीवार की तरफ करके रखें।

मंदिर में एक ही भगवान का स्वरूप स्थापित करें। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग एकनिष्ठ होकर भगवान की भक्ति करते हैं, उन्हें ज्यादा फल मिलता है। साधारण तौर पर देखा जाता है कि एक घर में कई भगवान की तस्वीर या मूर्ति रखी जाती है। वास्तु के अनुसार एक ही भगवान के दो स्वरूपों को आमने-सामने या अगल-बगल रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

स्वयं खाने से पहले अर्पित करें भगवान को:

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मुख से कहा है कि जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करता है और उन्हें फूल, फल अन्न और जल अर्पित करता है, उसे वह सगुण रूप में प्रकट होकर ग्रहण करते हैं। श्रीकृष्ण के भक्तों का मानना है कि भगवान के बालगोपाल रूप को जो भी प्रेम से अर्पित किया जाता है, उसे भगवान अवश्य ग्रहण करते हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि स्वयं खाने से पहले भगवान को जरूर अर्पित करना चाहिए।

किसी भी ऐसी वस्तु को ग्रहण नहीं करना चाहिए, जिसका भोग पहले भगवान को ना लगाया गया हो। श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग प्रतिदिन लगाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो आप बाजार में मिलने वाली कोई भी दूध से बनी हुई मिठाई भगवान को अर्पित करें। भगवान को आप सूखे मेवे का भी भोग लगा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में हर रोज भगवान को भोग लगाया जाता है, वहां मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी का सदा निवास रहता है। वैसे घरों में धन की कभी कमी नहीं होती है और तरक्की भी होती है।

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