जब सुभाष घई से बोल पड़े थे मुकेश खन्ना ‘सौदागर फिल्म में मेरा क्या काम’, जानिये वजह
मशहूर फिल्म निर्देशक सुभाष घई ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक यादगार फ़िल्में दी हैं. उनकी फिल्मों को दर्शकों द्वारा काफ़ी पसंद किया जाता है. सुभाष द्वारा बनाई गई सदाबहार और यादगार फिल्मों में ‘सौदागर’ का नाम भी शामिल है. यह फिल्म साल 1991 में प्रदर्शित हुई थी और उस दौर की एक बड़ी फिल्म मानी जाती है.
‘सौदागर’ फिल्म दिलीप कुमार, राजकुमार और मुकेश खन्ना जैसे दिग्गज़ों से सजी हुई थी. ख़ास बात यह है कि इस फिल्म के साथ ही राजकुमार और दिलीप कुमार के बिगड़े हुए रिश्ते भी सुधर गए थे. फिल्म से जुड़ी कई यादें है जिसमें से हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस फिल्म में लिए मुकेश खन्ना पहले तैयार नहीं हुए थे. क्योंकि उनका कहना था कि जहां दिलीप कुमार और राजकुमार है वहां उनका क्या काम है लेकिन सुभाष घई के मनाने के बाद मुश्किल से मुकेश खन्ना फिल्म में काम करने के लिए राजी हुए थे.
बता दें कि सुभाष घई के पास पहले तो सबसे बड़ा चैलेंज दिलीप कुमार और राजकुमार को साथ में लाना था. क्योंकि दोनों के बीच दशकों पहले से रिश्ते ठीक नहीं थे और ऐसे में दोनों को एक फिल्म में लाना वाकई घई के लिए मुश्किल काम था. हालांकि वे इस काम में बाजी मार गए थे. दोनों दिग्गज़ों को उन्होंने अपनी फिल्म के लिए राजी कर लिया था.
आगे जाकर सुभाष घई ने मशहूर अभिनेता मुकेश खन्ना को फिल्म के लिए साइन किया. मुकेश फिल्म में दिलीप कुमार के बेटे के रोल में देखने को मिले थे. बता दें कि जिस समय मुकेश खन्ना टीवी के बेहद लोकप्रिय धारावाहिक रहे ‘महाभारत’ की शूटिंग कर रहे थे तब सुभाष ने उन्हें अपनी फिल्म ‘सौदागर’ में इस रोल के लिए अप्रोच किया था.
मुकेश खन्ना ने इस फिल्म से जुड़े अनुभव को अपने यूट्यूब चैनल पर साझा करते हुए कहा था कि, ‘जिस तरह से मेरी कास्टिंग हुई, जैसे मैंने एक धृष्टता की थी वैसा कोई एक्टर नहीं करेगा, वो भी सुभाष घई जैसे डायरेक्टर के साथ. सुभाष घई किसी को फोन करें तो एक्टर दंडवत होकर पहुंच जाता है. मुझे भी फोन आया और कहा गया कि सुभाष घई ने बुलाया है.
मेरी महाभारत की शूटिंग चल रही थी, हम युद्ध की शूटिंग कर रहे थे. भाई साहब के कहा कि सुभाष घई मिलना चाहते हैं. मैंने कहा, कहो मैं नहीं मिल सकता. शाम तक तो शूटिंग है फिर मुझे ‘विश्वामित्र’ की शूटिंग के लिए मद्रास जाना है.’
मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि, ‘मैं शूटिंग करने चला गया. भीष्म पितामह बनकर युद्ध की शूटिंग करने लगा. तभी मेरा भतीजा सेट पर आया और उसने कहा कि सुभाष घई का फोन आया कि मुकेश को कहो मुझसे आकर मिले. मैं रात को लंदन जा रहा हूं, उससे पहले एक बड़ा निर्णय लेना है.’ इस बार मुकेश ने सुभाष से मिलने का मन बना लिया.
आगे मुकेश ने कहा कि, ‘उन्होंने मुझे बताया कि राजकुमार और दिलीप कुमार को लेकर फिल्म बना रहा हूं और तुम दिलीप कुमार के बेटे का रोल करोगे. मुझे तो हां करना चाहिए था लेकिन मैंने कहा कि सुभाष जी, अपनी फिल्म में दिलीप साहब हैं, राजकुमार भी हैं, मुकेश खन्ना क्या करेगा उसमें?’ लेकिन जब सुभाष ने मुकेश को उनके रोल की अहमियत बताई तो वे इसके लिए तैयार हो गए.
वहीं फिल्म के दौरान दिलीप कुमार और सुभाष घई से जुड़े एक किस्से के बारे में सुभाष घई ने बात करते हुए बताया था कि, ‘राजकुमार जी ने मुझसे कहा कि जानी, साहब से कहो डांस स्टेप्स सही से करें. फिर मैं दिलीप कुमार के पास गया और कहा कि साहब, राज जी बोल रहे हैं कि आप बहुत अच्छा डांस करते हैं. तो दिलीप जी बोले, ‘मैं तो कर रहा हूं, उसको बोलो स्टेप्स ठीक से करे.’