कोविशील्ड को ब्रिटेन में मान्यता न देने पर भारत सख्त, कहा – फिर ब्रिटेन की वैक्सीन की मान्यता भारत में नहीं होगी
कोरोना वैक्सीन को लेकर भी अब दुनिया में भेदभाव देखने को मिलने लगा है। जी हां भारत में एस्ट्रेजेनिका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से तैयार किए गए कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन की तरफ से मान्यता नहीं देने की भारत सरकार ने आलोचना करते हुए इसे ‘भेदभावपूर्ण नीति’ करार दिया है। गौरतलब हो कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड को लेकर भेदभावपूर्ण नीति के चलते ब्रिटेन जा रहे हमारे नागरिकों पर इसका असर पड़ रहा है।
The non-recogition of Covishield is a discriminating policy & impacts our citizens travelling to the UK. The EAM has raised the issue strongly with the new UK foreign secretary. I am told that certain assurances have been given that this issue will be resolved: Foreign Secy pic.twitter.com/tJCXxuvYtH
— ANI (@ANI) September 21, 2021
बता दें कि विदेश सचिव ने कहा कि मूल मुद्दा यह है कि यहां कोविशील्ड नामक एक टीका है, मूल निर्माता यूके है। हमने यूके को उनके अनुरोध पर 50 लाख वैक्सीन खुराक प्रदान की है। इसका उपयोग उनकी स्वास्थ्य प्रणाली एनएचएस (NHS) द्वारा किया गया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण नीति है। विदेश मंत्री ने अपने यूके समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया है और मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया गया है। हमने अपने सहयोगी देशों को टीकों की आपसी मान्यता की पेशकश की है। लेकिन ये पारस्परिक सहयोग से ही सम्भव है। अगर हमें संतुष्टि नहीं मिलती है तो हम पारस्परिक उपायों को लागू करने के अपने अधिकारों के लिए स्वतंत्र हैं।
गौरतलब हो कि श्रृंगला का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ब्रितानी विदेश मंत्री लिज़ ट्रूस से मुलाकात के बाद आया है और बताया गया है कि इस बातचीत में ब्रिटेन की वैक्सीन नीति पर भी चर्चा हुई। वहीं कोविशील्ड वैक्सीन ब्रिटेन-स्वीडन की फ़ार्मी कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से बनी है जिसका भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में उत्पादन हुआ है।
यह है पूरे मामले की जड़…
दरअसल ब्रितानी सरकार के नए नियम के मुताबिक़ भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, थाईलैंड, जॉर्डन और रूस जैसे कुछ देशों से यात्रा करके ब्रिटेन पहुँचने वाले व्यक्ति को 10 दिन क्वारंटीन में बिताने ही होंगे और कोविड का टेस्ट भी कराना होगा। वहीं विवाद का कारण यह है कि इन देशों से ब्रिटेन जाने वाले उन यात्रियों को भी क्वारंटीन नियमों का पालन करना होगा जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ ले ली है। यानी ऐसे में अगर आप भारत, तुर्की, यूएई, थाईलैंड या रूस से हैं तो वैक्सीन लेने के बावजूद आपको 10 दिन क्वारंटीन में रहना होगा और सभी ज़रूरी टेस्ट कराने होंगे।
Pleased to meet new UK Foreign Secretary @trussliz.
Discussed the progress of Roadmap 2030. Appreciated her contribution on the trade side.
Exchanged views on developments in Afghanistan and the Indo-Pacific.
Urged early resolution of quarantine issue in mutual interest. pic.twitter.com/pc49NS7zcw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021
इसी मसले पर उड्डयन विशेषज्ञ एलेक्स मार्कियस ने सोमवार को एक ट्वीट किया और लिखा कि कई देश ब्रिटेन के इस फ़ैसले से नाख़ुश हैं। उन्होंने लिखा था कि, “यह अजीब है कि ब्रिटेन ने उन देशों के लिए भी यह नियम लागू किया हैं जहाँ लोगों को वही वैक्सीन लगाई जा रही है जो ब्रितानी लोगों को। जैसे- फ़ाइज़र, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना वगैरह”। इतना ही नहीं एलेक्स ने लिखा कि ब्रिटेन की नई ट्रैवेल पॉलिसी ग़ैरज़रूरी ढंग से जटिल बना दी गई है।
UK government confirm tonight that if a person has been vaccinated in Africa, or South America, or countries including UAE, India, Turkey, Jordan, Thailand, Russia…
…you are considered “unvaccinated” and must follow “unvaccinated” rules ⛔️ = 10 day home quarantine & tests
— Alex Macheras (@AlexInAir) September 17, 2021
ब्रिटेन के क्वारंटीन नियम की भारतीय कर रहे हैं भर्त्सना…
वहीं मालूम हो कि ब्रिटेन की भेदभाव पूर्ण नीति की हर तऱफ आलोचना हो रही है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि, “यही वजह है कि मैंने अपनी किताब ‘बैटल ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ के लॉन्च के दौरान कैंब्रिज यूनियन में बहस का यह मुद्दा उठाया था।” उन्होंने लिखा कि, “वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद भी भारतीयों को क्वारंटीन में रहने के लिए कहना आपत्तिजनक है। इसकी समीक्षा की जा रही है।”
Because of this I have pulled out of a debate at the @cambridgeunion &out of launch events for the UK edition of my book #TheBattleOfBelonging (published there as #TheStruggleForIndiasSoul). It is offensive to ask fully vaccinated Indians to quarantine. The Brits are reviewing! https://t.co/YEVy3Ez5dj
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 20, 2021
कुल-मिलाकर देखें तो अब इस पूरे मामले पर ब्रिटेन की मुश्किलें बढ़ रही हैं। ब्रिटिश उच्चायुक्त के एक प्रवक्ता ने कहा कि, “हम भारत सरकार से इस बारे में बात कर रहे हैं कि वैक्सीन सर्टिफ़िकेट को कैसे प्रमाणित किया जाए।” इसके अलावा उन्होंने ब्रितानी सरकार के फ़ैसले का बचाव करते कहा कि, “ब्रिटेन जल्दी से जल्दी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पूरी तरह बहाल करने पर प्रतिबद्ध है।
“प्रवक्ता ने कहा कि यह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज़ से उठाया गया एक कदम है ताकि वो सुरक्षित माहौल में खुलकर एक-दूसरे से मिल सकें।” वहीं भारतीय सोशल मीडिया में ब्रिटेन के इस नियम की ख़ूब आलोचना हो रही है। लोग इसे ‘अजीब’ और ‘भेदभाव’ करने वाला बता रहे हैं।