चीन की गलती से लाहौर में बन गया लाल किला और उसके ऊपर लहराने लगा तिरंगा!
नई दिल्ली – पाकिस्तान के लाहौर में लाल किला और उसके ऊपर तिरंगा लहराता दिखाई दिया, जिसको लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने को लेकर बीजिंग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जहां भारत और पाकिस्तान की झांकियां सजाई गईं थी। इस दौरान चीन के आयोजकों ने एक बड़ी गलती करते हुए पाकिस्तान की झांकी पर लालकिला और उसके ऊपर तिरंगे को लहराते दिखाया, जिसपर बवाल मच गया है। Red fort and tricolor in Lahore.
चीन की गलती, दिल्ली का लाल किला लाहौर में बताया :
हाल ही में कजाकिस्तान की राजधानी एस्टाना में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) का आयोजन हुआ था। इस आयोजन के दौरान भारत और पाकिस्तान को इसकी स्थायी सदस्यता मिली। लेकिन इस समिट के दौरान तिरंगे के साथ भारत के लाल किले को पाकिस्तान के लाहौर में स्थित शालीमार गार्डेन के तौर पर दिखाया दिया गया।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी झांकी में लालकिले को लाहौर के शालीमार गार्डेन में दिखाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी, चीन में भारतीय राजनयिक विजय गोखले और पाकिस्तान के राजदूत मसूद खालिद समेत SCO के अन्य सदस्य मौजूद थे। हालांकि, भारतीय राजदूत और पाकिस्तानी राजदूत दोनों ने ही आयोजकों को उनकी गलती बताई।
पिछले हफ्ते SCO के स्थाई सदस्य बने हैं भारत-पाक :
पिछले हफ्ते कजाकिस्तान के अस्ताना में एससीओ समिट का आयोजन किया गया था, जहां भारत और पाकिस्तान को SCO में स्थाई सदस्य के तौर पर शामिल किया गया। आपको बता दें कि SCO कि स्थापना साल 2001 में हुई थी जो एक पॉलिटिकल और सिक्युरिटी ग्रुप है और इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है। भारत और पाक से पूर्व चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके स्थाई सदस्य थे।
लेकिन अब भारत-पाकिस्तान भी इसमें शामिल हो गए हैं। इस समिट का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच मिलिट्री को-ऑपरेशन को बढ़ावा देना है। इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और सेंट्रल एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना भी शामिल है। भारत-पाकिस्तान को इस ऑर्गनाइजेशन में शामिल किए जाने का प्रस्ताव 2015 में रूस के उफा में एससीओ समिट के दौरान पास किया गया था।