73 साल में पहली बार पाक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में नियुक्त हुई एक हिन्दू लड़की
जानिए कौन है सना रामचंद गुलवानी, जिन्होंने पहली बार पाकिस्तान में पास की सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस की एग्जाम...
पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाले ज़ुल्म से तो सभी वाक़िफ़ है, लेकिन इसी बीच पाकिस्तान (Pakistan) के इतिहास में पहली बार कोई हिंदू लड़की यहां के सबसे मुश्किल एग्जाम को पास करने में कामयाब हो गई है। जी हां 27 साल की डॉक्टर सना रामचंद गुलवानी (Dr. Sana Ramchand Gulwani) ने सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस (CSS) की परीक्षा मई में ही क्रैक कर ली थी, लेकिन सोमवार को उनके अपॉइंटमेंट पर मुहर लग गई है।
Amidst all the unusual news every day, let’s congratulate Dr #SanaRamchand— the first Hindu female for successfully qualifying #CSS2020Exam, and appointed as an Assistant Commissioner.
Proud for All theHindu Community ?#ProudPakistan #SanaRamchand @khaneshrathi pic.twitter.com/kIWSKZNbOT
— Dr….Mathan?❤️ (@Dr__Mathan) May 6, 2021
बता दें कि पाकिस्तान में यह एग्जाम सबसे मुश्किल माना जाता है और इसके जरिए ही वहां प्रशासनिक सेवाओं यानी एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस में नियुक्तियां होती हैं। इसे आप भारत के सिविल सर्विसेस एग्जाम की तरह मान सकते हैं, जिसे यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन आयोजित करता है। गौरतलब हो कि एग्जाम क्लियर करने के बाद डॉ. सना ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि, “वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह। अल्लाह के फजल से मैंने सीएसएस (CSS- 2020) की परीक्षा पास कर ली है।”
जानकारी के लिए बता दें कि जिस तरह भारत में आईएएस (IAS) की परीक्षा कठिन मानी जाती है। उसी प्रकार पाकिस्तान में सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस (CSS) एग्जाम को बेहद कठिन माना जाता है। इसमें इस साल कुल 2 फ़ीसदी कैंडिडेट्स ही कामयाबी हासिल कर पाए हैं। वहीं 27 साल की डॉक्टर सना रामचंद गुलवानी (Dr. Sana Ramchand Gulwani) ने इसे पहले अटैम्प्ट में ही क्रैक कर लिया।
मई में पास की परीक्षा, सितंबर में मिली नियुक्ति…
सना ने यह परीक्षा मई में ही पास कर ली थी। हालांकि, उनकी नियुक्ति पर सितंबर में मुहर लगी। भारत से अलग होने के बाद से पाकिस्तान में अब तक कोई हिंदू लड़की प्रशासनिक सेवाओं में नहीं रही है। बता दें, इससे पहले सना सर्जन के रूप में पाकिस्तान में काम कर रही हैं। पांच साल पहले उन्होंने बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मेडिसिन की डिग्री ली थी। सना ने सिंध प्रांत की ग्रामीण सीट से इस परीक्षा में हिस्सा लिया था। यह सीट पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस के अंतर्गत आती है।
पैरेंट्स मेडिकल में भेजना चाहते थे…
वहीं मेडिकल से अपनी पढ़ाई करने वाली सना गुलवानी ने बताया कि उनके माता-पिता कभी नहीं चाहते थे कि मैं प्रशासनिक सेवा में जाऊं। उनका मन था कि मैं मेडिकल क्षेत्र में सेवाएं दूं। इसलिए मैंने पहले पैरेंट्स के टारगेट को पूरा किया। इसके बाद मैं अपने टारगेट में जुट गई। बता दें कि पाकिस्तान का सीएसएस परीक्षा इतनी कठिन है कि इस साल इसमें दो प्रतिशत से कम लोग ही पास हो पाए हैं।
शिकारपुर की रहने वाली हैं सना…
बता दें कि सना मूल रूप से शिकारपुर की रहने वाली हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सना ने सिंध प्रांत की रूरल सीट से इस परीक्षा में हिस्सा लिया था और यह सीट पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस के अंतर्गत आती है।
सना का कहना जो चाहा वो मिला…
मीडिया से बातचीत में सना ने कहा कि, “मैं बहुत खुश हूं। यह मेरा पहला प्रयास था और जो मैं चाहती थी, वो मैंने हासिल कर लिया है।” इसके अलावा सना कहती हैं कि उन्होंने इस एग्जाम को क्लियर करने की ठान ली थी और इसके लिए शुरू से काफी मेहनत की।