अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में मौत, 7 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा
महंत नरेंद्र गिरि का राम जन्मभूमि आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है
देश के जाने-माने संत और भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का देहावसान हो गया है। सोमवार शाम को अचानक से खबर आई कि महंत नरेंद्र गिरी संदिग्ध हालत में अपने कमरे में मिले हैं और उन्होंने आत्महत्या कर ली। उनकी मौत की ख़बर से पूरे देश में हड़कंप मच गया है पुलिस के मुताबिक उनका शव प्रयागराज के अल्लापुर में बांघबरी गद्दी मठ में उनके कमरे में मिला कहा जा रहा है कि उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की, उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया। सुसाइड नोट में उन्होंने जिस शिष्य आनंद गिरि का नाम लिया था .
महंत की मौत के बाद से ही वहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है किसी के भी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर महंत ने आत्महत्या क्यों की उनके सल्फास खाने की बात भी सामने आ रही है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मठ के सारे गेट बंद करनी है। आईजी डीआईजी समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी वहां मौजूद है फॉरेंसिक टीम को भी जांच के लिए आदेश दे दिया गया है।
7 पेज का सुसाइड नोट लिखा
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने जिस कमरे में सुसाइड किया वहां से 7 पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है। आईजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि गिरी ने यह सुसाइड नोट एक वसीयतनामा की तरह लिखा है इसमें उनके शिष्य आनंद गिरि का नाम भी है उन्होंने अपने नोट में यह भी लिखा है कि किस चीज को क्या चीज दी जानी है और कितनी देनी है। आईजी ने बताया कि पहली नजर में यह सुसाइड का मामला ही लग रहा है क्योंकि उन्होंने अपने नोट में कुछ शिषयों से नाराज होने की बात भी कही है।
दरवाजा तोड़ा गया
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि महंत गिरी का दरवाजा अंदर से बंद था उनका एक शिष्य वहां पर गया उसने इस बात की जानकारी दी। बाद में दरवाजा तोड़ा गया तो वहां पर गिरी का शव मिला। पास में सुसाइड नोट भी मिला है सल्फास खाने की जो बात सामने आ रही है उसकी पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही की जा सकेगी।
महंत नरेंद्र गिरि देश के सबसे बड़े संतों में से एक माने जाते थे। बड़े से बड़े नेता हो या फिर कोई पहुंची हुई शख्सियत प्रयागराज पहुंचने पर वह महेंद्र गिरी के पास जरूर पहुंचते थे और उनका आशीर्वाद लेते थे। कल ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज गए थे जहां उन्होंने महेंद्र नरेंद्र गिरी से मुलाकात की थी। कल ही उनकी एक बैठक का वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह कुछ लोगों से चर्चा कर रहे हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन में भी महंत की बड़ी भूमिका रही है।
ये 1 दिन पहले का वीडियो है,जो एक साथी ने रिकॉर्ड करके मुझे भेज दिया था,लगभग 1 घंटे तक बहुत सकारात्मक संवाद हुआ था।
समाज के लिए महंत नरेंद्र गिरि जी के मन में गहरी पीड़ा थी।
अभी अचानक ही उनके देहावसान का समाचार सुनकर स्तब्ध हूं,भगवान हनुमान जी उन्हें अपने चरणों में स्थान दें🙏 pic.twitter.com/9rq0JDOHia— राकेश त्रिपाठी Rakesh Tripathi (@rakeshbjpup) September 20, 2021
कई दिनों से महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि में विवाद भी चल रहा था लेकिन कुछ ही समय पहले आनंद ने प्रयागराज जाकर उनसे चरणों में झुक कर माफी मांगी थी और अपने सारे पुराने बयानों को भी वापस ले लिया था। लेकिन अब सुसाइड नोट जैसे वसीयतनामे में का नाम होने से शक की सुई उन पर भी है फिलहाल पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2021
सीएम योगी ने भी दुख जताया
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 20, 2021