सोनिया ने ‘कैप्टन’ को फोन पर कहा था ‘आईएम सॉरी’, अमरिंदर ने लिखी चिट्ठी, ऐसे निकाली अपनी भड़ास
चंडीगढ़ : पंजाब में बीते कई दिनों से चल रहे हंगामे ने शनिवार शाम को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़े के साथ विराम लिया. अमरिंदर ने बीती शाम को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को अपना त्याग पत्र सौंप दिया. इसके साथ ही अमरिंदर के कार्यकाल का अंत हो गया. अमरिंदर की घटती लोकप्रियता, कांग्रेस आलाकमान से नाराजगी जैसे कई कारण है जिसके चलते अमरिंदर को अपने पद से हटना पड़ा.
बताया जा रहा है कि कैप्टन ने सीएम पद से हटने से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Capt Amarinder Singh Wrote letter To Sonia Gandhi) के नाम एक चिट्ठी लिखी थी जो कि चर्चा में हैं. जानकारी के मुताबिक़ इसमें उन्होंने कई बातें लिखी. अपनी चिट्ठी में कैप्टन ने लिखा कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए कई काम किए और बिना समझौते के बॉर्डर वाला राज्य भी संभाला.
अब पंजाब के पूर्व सीएम हो चुके अमरिंदर ने सोनिया को उम्मीद जताते हुए लिखा कि इस फैसले से पंजाब में शांति होगी. उम्मीद है मेरे प्रयासों को जारी रखा जाएगा. धार्मिक ग्रंथ से बेअदबी के मामले में कड़ी कार्रवाई की. पंजाब की आंतरिक सुरक्षा को संभाला. राज्य में शांति, सांप्रदायिक सौहार्द बना रहा. पंजाब में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ.
केंद्रीय मंत्री बोले- अमरिंदर, सोनिया और राहुल से ज्यादा पॉपुलर हो गए थे, इसलिए हटाया…
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस पर ख़ूब हमले कर रही हैं. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे लेकर कांग्रेस हाईकमान पर प्रहार किया है. जोशी का कहना है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी अधिक लोकप्रिय हो जाने के कारण अमरिंदर सिंह को हटा दिया गया है.
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस नेता और पंजाब कांग्रेस के मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोला था. दरअसल, सिद्धू को कैप्टन ने देश द्रोही बताया था. वहीं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सवाल करते हुए प्रकाश ने कहा था कि सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी चुप क्यों हैं? यह बड़ा आरोप है. इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए और अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए.
बता दें कि कैप्टन की सोनिया गांधी से फोन पर भी बात हुई थी. कैप्टन ने बतया था कि, ”सोनिया गांधी ने मुझे सुबह फोन किया था, उस समय मैं वहां पर नहीं था. जब मैंने वापस आकर अपना फोन देखा तो उसमें मुझे उनकी मिस्ड कॉल दिखाई दी. इसके बाद मैंने उन्हें (सोनिया गांधी) वापस कॉल की. उन्होंने फोन उठाया तो मैंने पूछा कि मैम यह सीएलपी का क्या चल रहा है. मैं ऐसे में इस्तीफा दे दूंगा. मुझे लग रहा है कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए.
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ओके, आप इस्तीफा दे सकते हैं. मैंने कहा कि ठीक है, मैं इस्तीफा दे दूंगा. और फिर उन्होंने कहा कि सॉरी अमरिंदर. मैंने उनसे कहा कि दैट्स फाइन, दैट्स ओके.”