केवल टैक्स चोरी नहीं सोनू सूद पर हैं ये चार गंभीर आरोप, एक में तो जेल भी हो सकती है
'मसीहा' से 'पशुपति' तक का सफर चंद महीनों में ही पूरी कर ली सोनू सूद ने
अगर चार दिन पहले हमने आपसे यह पूछा होता कि कोरोनावायरस के वक्त देश में गरीबों और जरूरतमंदों की सबसे ज्यादा मदद किसने की तो आप सबसे पहले सोनू सूद का ही नाम लेते। क्योंकि मसीहा का तौर में उन्होंने खुद को बहुत अच्छे ढंग से प्रोजेक्ट किया था । जिस दिन उनके घर रेड हुई तो किसी यकीन ही नहीं हुआ और सब इसे केंद्र सरकार का बदला कहने लगे। लेकिन अब आयकर विभाग के छापे के बाद जो खुलासा हुआ है उसको देख कर तो यकीन ही नहीं हो रहा कि यह सब सोनू सूद ने किया है। उन पर अलग-अलग मामलों में करीब ढाई सौ करोड़ रुपए के गबन का आरोप है।
मदद के नाम पर सरकार से धोखा
करीब 2 दिन की गहन जांच के बाद आयकर विभाग ने सोनू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फर्जी बिल के जरिए करीब 65 करोड़ की हेरा-फेरी की है। ये उन्होंने लखनऊ स्थित एक प्राइवेट रियल स्टेट फर्म के साथ मिलकर किया है। लखनऊ के इसी ग्रुप में जयपुर स्थित एक कंपनी के साथ 175 करोड़ रुपए का लेनदेन भी किया है।
वह लोन जो कभी लिया ही नहीं
सीबीडीटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सोनू और उनसे जुड़े लखनऊ स्थित इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के ठिकानों के सर्वे में पता चला कि उन्होंने अपनी बिना हिसाब की आय को कई फर्जी संस्थानों से लिए गए फर्जी असुरक्षित कर्ज के रूप में दिखाया है। यह राशि भी 20 करोड़ रुपए से अधिक की है। टैक्स चोरी के लिए पेशेवर रसीदों को खातों में कर्ज के रूप में दिखाया गया। इन फर्जी कर्ज का इस्तेमाल निवेश व संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया।
विदेशी नियम तोड़ जुटाया चंदा
Sonu Sood allegedly violated Foreign Contributions Regulation Act: Preliminary probe
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— ANI Digital (@ani_digital) September 17, 2021
कथित तौर पर शुरुआती जांच में सोनू सूद की ओर से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) का उल्लंघन भी पाया गया है। इसमें बड़ी मात्रा में जो पैसा बाहर से मिला था उसे दूसरे कामों में इस्तेमाल किया गया है। इसमें क्राउडफंडिंग करते हुए उन्होंने करीब 2.1 करोड़ रुपए जुटाए थे। FCRA के तहत बाहर से आने वाली किसी भी मदद की प्राप्ति दिखानी होती है। ताकि देश में किसी गलत काम के लिए चंदे का उपयोग ना हो सके यह नियम गृह मंत्रालय ने खुद बनाया है। लेकिन उनकी तरफ से इस नियम का भी पालन नहीं किया गया था।
राशि का इस्तेमाल न के बराबर
सोनू सूद को अलग-अलग जगह से करीब 20 करोड़ रुपए दान में मिले थे लेकिन इसमें से केवल 1.9 करोड रुपए का ही इस्तेमाल हुआ है। बड़ी बात यह है कि कईं सारी ऐसी रिसीप्ट हैं जो फर्जी तरीके से बनाई गई है। साथ ही बहुत से कांट्रेक है जो असल में दिए ही नहीं गए लेकिन कागज पर हैं। आयकर विभाग ने यह भी आरोप लगाया कि कई अलग-अलग खातों में चैन ट्रांजैक्शन हैं जिसको देखें अगर तो आखिरी फायदा सुन सूद को ही मिला है। अगर ये आरोप साबित होते हैं तो सोनू सूद बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं।
केजरीवाल का मिला साथ
सच्चाई के रास्ते पर लाखों मुश्किलें आती हैं, लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है। @SonuSood जी के साथ भारत के उन लाखों परिवारों की दुआएं हैं जिन्हें मुश्किल घड़ी में सोनू जी का साथ मिला था। https://t.co/qsAyYvzkQP
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 15, 2021
सोनू सूद के घर और दुकानों पर छापेमारी के बाद अरविंद केजरीवाल ने उनका समर्थन करते हुए ट्वीट किया था की सच के सामने लाखों मुसीबतें आती है लेकिन उसे कभी हराया नहीं जा सकता। आपने जिन जरूरतमंद लोगों की मदद की है उन सभी की दुआएं आपके साथ हैं। सोनू पर की गई छापेमारी को अरविंद केजरीवाल से नज़दीकियों से जोड़कर भी देखा जा रहा था हाल ही में उन्हें दिल्ली सरकार में एजुकेशन से जुड़े प्रोग्राम है ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।
प्रॉपर्टी डील मामले में हुई थी जांच
जब सर्वे हुआ था तभी रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सोनू सूद के अन्य ठिकानों पर यह जांच लखनऊ में उनके द्वारा की गई बड़ी रियल एस्टेट डील को लेकर हो रही है। अब आयकर विभाग के खुलासे से भी साफ हो गया है कि उन्होंने जिस कंपनी के साथ कांट्रेक किया था वहीं फर्जीवाड़ा हुआ है साथ ही बड़े स्तरर पर रुपयों का गबन भी किया गया है।