एक खूबसूरत महारानी जिनका इंदिरा गांधी से सदैव रहा 36 का आंकड़ा, डाल दिया था तिहाड़ के जेल में
दुनिया की 10 खूबसूरत महिलाओं में शामिल थी जीत गायत्री देवी, गिनीज़ बुक में है दर्ज़ है नाम
देश की आजादी के पूर्व हमारा देश रियासतों में बंटा हुआ था और इन रियासतों पर राजे-रजवाड़ों का अधिपत्य था। 1947 में देश की आज़ादी के बाद धीरे-धीरे सिर्फ़ रियासतें ही ख़त्म नहीं हुई, बल्कि राजे-रजवाड़े भी नाम के रह गए। जी हां जिन राजे-रजवाड़ों के वंशज बचें भी थे, वे राजनीति से जुड़ गए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की फैमिली जैसे कई परिवार ऐसे हैं जो आज भी राजनीति में हैं तो वहीं कुछ लोगों ने चंद सालों में ही राजनीति को अलविदा कह दिया। ऐसी ही एक हैं राजमाता गायत्री देवी। वह जयपुर राजघराने की महारानी थीं। 5 महीने जेल में रहने के बाद उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया था। तो आइए आज हम उन्हीं से जुड़ी कहानी बताते हैं।
बता दें कि कूच बिहार रियासत की राजकुमारी गायत्री देवी की शादी जयपुर के राजा मान सिंह द्वितीय से हुई थी। शादी के बाद वह जयपुर राजघराने की महारानी बन गई थीं।
गौर करने वाली बात यह है कि जयपुर के भूतपूर्व राजघराने की राजमाता गायत्री देवी का जन्म 23 मई वर्ष 1919 को लंदन में हुआ था और गायत्री देवी के पिता राजकुमार जितेन्द्र नारायण कूचबिहार (बंगाल) के युवराज के छोटे भाई थे, वहीं माता बड़ौदा की राजकुमारी इंदिरा राजे थीं।
गायत्री देवी की सुंदरता के बारे में कहा जाता है कि वो दुनिया की 10 खूबसूरत महिलाओं में शामिल थी। वैसे बात भारतीय राजनीति की करें तो भारतीय राजनीति में जब भी महिलाओं का नाम लिया जाता है तो हर कोई इंदिरा गांधी को याद करता है, लेकिन हम आपको बता दें कि गायत्री देवी वो शख्सियत थीं जिन्होंने सियासत में इंदिरा को भी परेशान कर दिया था।
जी हां गायत्री देवी तीन बार लोकसभा सांसद रहीं। उन्होंने 1962, 1967 और 1971 का लोकसभा चुनाव जीता था।
गायत्री देवी ने अपना पहला चुनाव स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर जीता था। उनकी ये जीत गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी। उन्हें 2.46 लाख मत में से 1.93 लाख मत मिले थे।
बता दें कि गायत्री देवी की हमेशा से नेहरू गांधी परिवार से एक तल्खी बनी रही। जब वह पहली बार सांसद बनी थीं तब लोकसभा के अंदर ही पीएम जवाहरलाल नेहरू से भिड़ गई थीं और इंदिरा गांधी के साथ भी उनके संबंध कभी मधुर नहीं रहे।
1975 में जब इंदिरा गांधी ने पूरे देश में इमरजेंसी लगाई थी तब महारानी गायत्री देवी को 5 महीने तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद गायत्री देवी ने कई साक्षात्कार में ये कहा था कि इंदिरा गांधी के आगे ना झुकने के कारण ही उन्हें जेल भेजा गया था।
वहीं जेल से रिहा होने के बाद वह राजनीति से दूर हो गईं। उसके बाद उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा और साल 2009 में 90 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।