छह साल की उम्र से जागरण में गाने वाली एक लड़की बनी टॉप हरियाणवी सिंगर
पहले सगे-सम्बंधियों ने गाने का प्रोफेशन चुनने पर जताया एतराज़, आज वही करते हैं रुचिका जांगिड़ पर नाज़
इन दिनों हरियाणवी गानों ने धूम मचाई हुई है। लोग हरियाणवी गानों को सुनना खूब पसंद कर रहे हैं। जी हां तभी तो गाने आते ही सोशल मीडिया पर छा जाते हैं। कुछ हरियाणवी गाने ऐसे हैं जिन्हें सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब पसंद किया है और इसी लिस्ट में इंडस्ट्री की लोकप्रिय सिंगर रुचिका जांगिड और के डी का गाना कोका कोला भी है।
बता दें कि इस गाने पर मिलियन से अधिक व्यूज आ चुके हैं और एक बार फिर इनकी ये जोड़ी फ़िर से धमाल मचा रही है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं 6 साल की उम्र में जागरण में गाने वाली रुचिका जांगिड़ के बारे में कि कैसे वो हरियाणवी टॉप सिंगर बनी।
बता दें कि कोला कोला, डर्मी कूल डोरेमॉन, पटोले बरगी जैसे सुपरहिट गाने गाकर रातों-रात मशहूर होने वाली रुचिका जांगिड का सफर इतना आसान नहीं रहा। उत्तर प्रदेश के शामली में 27 नवम्बर 1995 को जन्मीं रुचिका को बचपन से गाने का शौक था। मां जब पूजा के समय भगवान के भजन गाती तो रुचिका उनके पीछे-पीछे उसे दोहराने लगती थी। जी हां पिता ने बेटी के टैलेंड को उसी समय पहचान लिया, लेकिन उनके लिए रुचिका को सिंगर बनाना इतना आसान नहीं था।
परिवार में किसी का संगीत से कोई रिश्ता नहीं था, ऐसे में घर की बेटी का संगीत सीखना और स्टेज पर परफॉर्म करना रिश्तेदार और समाज कैसे बर्दाश्त कर लेते। ऐसे में मीडिया से बातचीत करते हुए रुचिका बताती है कि उनके सफर में जहां आस-पड़ोस के लोग रोड़ अटका रहे थे तो वहीं उनके पिता उन पत्थरों को साफ कर रुचिका के लिए रास्ता तैयार कर रहे थे। इतना ही नहीं रिश्तेदारों ने ताने देना शुरु किया कि क्या अब बेटी से ये काम करवाओगें लेकिन पिता जानते थे कि उनकी बेटी सिर्फ संगीत के लिए बनी है और पिता का ये विश्वास रुचिका के लिए ताकत बन गया।
बता दें कि पिता ढाल बने थे और बेटी संगीत में एक के बाद एक सीढ़ी चढ़ती जा रही थी। रुचिका ने 6 साल की उम्र से ही जागरण में गाना शुरू कर दिया था और 12वीं में आते-आते उन्होंने स्टेज शो शुरु कर दिए। जब शहर में रुचिका की बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स लगने लगी तो रिश्तेदारों की बातें भी बंद होने लगी। रुचिका ने अपनी संगीत की पढ़ाई पूरी की और संगीत का पूरा रियाज कर म्यूजिक इंडस्ट्री में गाना शुरू किया।
गौरतलब हो कि सबकी तरह रुचिका ने भी बॉलीवुड में भी प्लेबैक का सपना देखा, लेकिन उस स्ट्रगल को करने से पहले उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाने की तैयारी की। हरियाणा भाषा का पूरा ज्ञान नहीं था, लेकिन रुचिका ने इस चैलेंज को भी स्वीकार किया। एक के बाद एक उन्होंने कई गाने गाएं, लेकिन साल 2019 में उनका गाना ‘आंख लड़ गई’ ने उन्हें अपनी अलग पहचान दिलाई। गाना रिलीज होते ही वायरल हो गया।
इस गाने ने यूट्यूब पर 30 मिलियन व्यूज को पार कर लिया, जिसके बाद कोला कोला, डर्मी कूल, पटोले बरगी, कोठ ऊपर कोठरी, जैसे एक से बढ़कर एक सॉन्ग्स रुचिका ने गाएं और खुद को हरियाणा के टॉप सिंगर की कतार में लाकर खड़ा कर दिया। अब रुचिका की पहचान हरियाणा तक ही सीमित नहीं रह गई, उन्हें देश विदेश में पहचाना जाने लगा है।
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वहीं आपको बता दें कि रुचिका के गाने भले ही आपको डीजे पर नाचने के लिए मजबूर कर दें, लेकिन खुद रुचिका ठहराव और रोमांटिक गाने गाने और सुनने पसंद करती है। रुचिका बॉलीवुड सिंगर अरिजीत सिंह और नेहा कक्कड़ की बड़ी फैन हैं और उनसे सीखने की कोशिश करती है। इतना ही नहीं उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि हर सिंगर में कुछ न कुछ खासियत हैं, जिसे वो सीखने की कोशिश करती हैं।