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तालिबान के खिलाफ महिलाओं की मोर्चाबंदी, पारंपरिक पोशाक पहनकर किया विरोध

मस्तानी ड्रेस में फोटो डालकर कैंपेन चला रही महिलाएं

तालिबानी हुकूमत के अत्याचारों के बीच लोगों का उसके खिलाफ गुस्सा भी सामने आ रहा है। अफगान नागरिकों ने खासकर महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वो लगातार इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है और इस प्रदर्शन में सोशल मीडिया उनका सहारा बन रहा है। यहां पर महिलाएं निडर होकर तालिबान को संदेश दे रही हैं कि वह जबरदस्ती करके उनसे बुर्का नहीं बनवा सकता।

This is Afghan culture. My traditional dress #AfghanWomen

विरोध के हैशटैग

ट्विटर को देखने पर ऐसा लगता है कि महिलाओं ने एक बड़ी मुहिम छेड़ दी है। तकनीक का सहारा लेकर हैशटैग्स ट्रेंड कराए जा रहे हैं। #Donottouchmyclothes और #Afganistanculture जैसे टैग्स पर अब तक हजारों ट्वीट हो चुके हैं। इस ट्वीट्स में महिलाएं अपनी तस्वीरों को पोस्ट कर चुनौती दे रही हैं कि अगर उनमें हिम्मत है तो वो रोक कर दिखाए।

महिलाओं के विरोध की कुछ तस्वीर है हम यहां आपको दिखा रहे हैं।

यह मस्का स्टेनकजाई है । इन्होंने अपनी खुशनुमा तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि अफगानिस्तान है जो प्यार मस्ती और जिंदगी से भरपूर है। मस्का अपनी इस हंसती खिलखिलाती हुई तस्वीर के जरिए तालिबान का विरोध कर रही है

यह तस्वीर बेला नाम की एक युवती ने पोस्ट की है उसने अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि तालिबान के विरोध में मेरी तस्वीर यह मेरा असली पहनावा है। दुनिया को दिखाते हैं कि यह हमारा अफगानी कल्चर है जो पारंपरिक भी है और फैशनेबल भी।

नीचे जो ट्वीट है यह अफगानिस्तान मैं पहला जेंडर स्टडी प्रोग्राम शुरू करने वाली बाहर जलाली का है। उन्होंने लिखा “यह अफगान कल्चर है”। उनके द्वारा की गई पोस्ट के बाद ही डोंट टच माय क्लॉथ ट्रेन शुरू हुआ।

एक युवती ने ट्विटर पर अपने चेहरे पर आधा दुपट्टा डालकर पोस्ट करते हुए लिखा कि महिलाओं को अपनी जिंदगी जीने दो।

महिलाओं द्वारा डाली जा रही इन तस्वीरों को बेहद पसंद किया जा रहा है एक युवती की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए किसी ने लिखा कि मुझे नहीं पता था कि ये अफगानिस्तान की पारंपरिक पोशाक है यह बेहद सुंदर है।

लगातार विरोध कर रही महिलाएं

जब से अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता हासिल की है तब सही महिलाएं लगातार विरोध कर रही है हाल ही में उन्होंने देर रात बच्चों के साथ सड़क पर उतरकर तालिबान मुर्दाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। काबुल समेत अफगानिस्तान के अलग-अलग प्रांतों में महिलाओं को प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। भले ही तालिबानी लड़ाके बंदूक लेकर घूम रहे हो लेकिन वह भी महिलाओं को प्रदर्शन करने से डरा नहीं पा रहे हैं।

बढ़ रहा तालिबान का अत्याचार

तालिबान के अत्याचार समय के साथ बढ़ते ही जा रहे हैं कई लोगों को पत्थर से मारकर उनकी जान लेने की भी खबरें हैं। तालिबानी लड़ाके ऐसे लोगों को घर में जाकर ढूंढ रहे हैं जिन्होंने अमेरिकी सेना का साथ दिया था इन्हें जान से मारे जाने का खतरा है। हाल ही में एक जज महिला ने कहा था क्यों ना डर है कि जिन तालिबानियों के खिलाफ उन्होंने फैसला देते हुए सजा सुनाई थी वह उन्हें मार सकते हैं।

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