बिकरु कांड के आरोपी अमर दुबे की पत्नी के सवाल का जवाब नहीं दे पाए दारोगा सिर झुका कर खड़े रहे
बिकरु कांड हुए और उसमें मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर को एक साल से भी ज्यादा हो चुका है लेकिन कुछ लोगों को इसका दंश अब तक झेलना पड़ रहा है। ऐसी ही एक युवती है जिसे उस वक्त पूछताछ के नाम पर ले जाया गया था और जेल में बंद कर दिया गया। तब से वह कैदियों की तरह रहने को मजबूर हैं। ये आरोपित बिकरु कांड में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे हैं। अब कोर्ट में उन्होंने गिरफ्तार करने वाले थानेदार से ऐसा सवाल किया कि थानेदार साहब उसके खुशी के सवालों का जवाब नहीं दे पाए और शर्मिंदगी से कोर्ट में सर झुका कर खड़े रहे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल खुशी दुबे ने विकास दुबे के करीबी माने जाने वाले अमर दुबे से कुछ दिन पहले ही शादी की थी। हालांकि उस वक्त नाबालिग थी और अमर के साथ बिकरू आ गई थी। पुलिस ने उसे शक के आधार पर फर्जी सिम इस्तेमाल करने के आरोप में और बिकरु कांड में शामिल होने के शक में मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था। चौबेपुर थानेदार कृष्ण मोहन राय ने खुशी को गिरफ्तार किया था पर अब उनके पास खुशी के सवालों का कोई जवाब नहीं है। इस मामले में 45 अन्य आरोपी भी जेल में है।
थानेदार के पास कोर्ट के सवालों का भी जवाब नहीं
पुलिस की तरफ से खुशी पर फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम चलाने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में जब कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस से पूछा कि उनके नाबालिक होने के बाद भी आपने बालिक जैसा व्यवहार क्यों किया तो थानेदार साहब इधर-उधर की बात करते हुए अजीब तर्क देने लगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में ही खुशी ने कृष्ण मोहन राय से सवाल किया कि “आपने तो कहा था मुझे केवल पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है लेकिन मैं यहां 1 साल से बंद हूं आपने तो मेरी जिंदगी ही बर्बाद कर दी।” खुशी के सवाल का थानेदार साहब कोई जवाब नहीं दे पाए और नजर झुका है चुपचाप खड़े रहे।
कानून के अनुसार पुलिस की गलती
खुशी के वकील शिवाकांत ने बताया कि कानून के अनुसार पुलिस की बड़ी गलती है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी भी है इस पूरे मामले को कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा। इसी तरह फर्जी सिम मामले में भी खुशी पर कोई मामला नहीं बनता उन्होंने कहा कि पुलिस ने खुशी की मां गायत्री देवी के मोबाइल नंबर पर नाबालिग को अभियुक्त बना डाला, जबकि खुशी की मां गायत्री तिवारी अभी भी उस सिम का इस्तेमाल कर रही हैं, खुशी ने उस सिम का इस्तेमाल कभी नहीं किया। वहीं नाबालिक के नाम पर सिम जारी भी नहीं किया जा सकता।
क्या है बिकरु कांड
कानपुर के पास जादेपुर धस्सा गांव के एक व्यक्ति ने गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने देर रात 8 जुलाई 2020 को बिकरु गांव में उसकी मौजूदगी का पता होने के बाद गांव को घेरते हुए उसे पकड़ने की कोशिश की थी। लेकिन पहले से घात लगाए हुए बैठे उसके गुर्गो ने पुलिस पर हमला बोल दिया जिसमें डीएसपी और एसओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।
इसके तुरंत बाद विकास दुबे वहां से फरार हो गया था लेकिन 6 दिन बाद उसे उज्जैन में पकड़ लिया गया था। बाद में कानपुर ले जाते वक्त रास्ते में पुलिस की गाड़ी के पलटने के बाद वह भागने की कोशिश कर रहा था और एनकाउंटर में मारा गया।