एक आदमी के नाम पर 1200 गाड़ियां चकराए अधिकारी बोले ऐसा कैसे हो गया पता नहीं
एक तरफ जहां आम आदमी के पास एक या दो गाड़ियां होना भी बहुत बड़ी बात है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बरेली आरटीओ में एक व्यक्ति के नाम पर बारह सौ से ज्यादा गाड़ियां हैं। अब इस मामले का पता चलते ही आरटीओ मैं काम करने वाले अधिकारियों को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है।
दरअसल कारला एचपी एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड शहर में ऑटो खरीदने वालों को लोन देती है। इसी बीच कंपनी ने 10 साल में हजारों लोगों को लोन दिलवाए। कंपनी ने अपने ही यहां पर काम करने वाले अजय कुमार के नाम से 1269 वाहन करा दिए। यह सभी ऑटो थे। कंपनी ने न केवल नामकरण कराया बल्कि ऑटो का पंजीकरण और परमिट भी जारी करवा लिया। आश्चर्य की बात यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भी कंपनी के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
फाइनेंस कंपनी ने अपने एक अन्य कर्मचारी के नाम से 460 ऑटो नाम करवा लिया और कागजों में उसे पार्टनर बता दिया। गौर करने की बात यह भी है कि अब दोनों ही कर्मचारी कंपनी छोड़ चुके हैं।
कंपनी की सफाई
कंपनी ने बताया कि जिन दो लोगों के नाम सामने आए हैं वह पहले हमारे यहां काम करते थे। हमने कुछ गलत नहीं किया है उन दोनों का नाम केवल गारंटर के रूप में दर्ज है। जबकि हकीकत यह है कि सभी गाड़ियां इन दोनों के नाम पर है। इस ख़बर पर अब तक लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि कैसे एक व्यक्ति के नाम पर 1200 से ज्यादा गाड़ियां दर्ज हो गई और किसी को पता नहीं चला।
बरेली RTO अधकारी का बयान
इस मामले पर जब मीडिया ने बरेली आरटीओ कल गुप्ता से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला अभी संज्ञान में आया है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मिलीभगत से फलफूल रहा धंधा
वहीं आरटीओ के आसपास के लोगों का कहना है कि यहां पर पूरी तरह से दलालों और अधिकारियों की मिलीभगत से काम होता है विभाग में दिनभर एजेंट्स की भीड़ लगी रहती है। यह दलाल आपका हर काम करवा देते हैं फिर चाहे बिना टेस्टिंग के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, गाड़ी का नाम ट्रांसफर कराना हो यहां तक की बाइक को कार और कार को टैंकर बताना हो तो ये काम भी करवा सकते हैं।
इसलिए पूरा पूरा शक है कि यह काम फाइनेंस कंपनी, दलाल और आरटीओ के अधिकारियों की मिलीभगत से ही हुआ है वरना आम आदमी तो बारह सौ क्या एक गाड़ी भी अपने नाम आसानी से नहीं करवा सकता।