ग्रेटर नोएडा में हनुमानजी की 70 वर्ष पुरानी मूर्ति को करना पड़ा विस्थापित, बड़ी रोचक है वज़ह
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का पहले चरण का काम शुरू हो गया है। जी हां पहले चरण में जमीन को समतल करने और बाउंड्रीवाल बनाने का काम किया जाना है। जिसके लिए जेवर के रोही गांव में यह काम चल रहा है। बता दें कि लेकिन इस काम के शुरुआती चरण में ही दो दिन पहले कर्मचारियों के सामने बड़ी समस्या आन पड़ी। जी हां जहां काम चल रहा है, वहां क़रीब 70 साल पुरानी और 20 फीट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति लगी हुई है।
ऐसे में काम करने के लिए मूर्ति का हटना जरूरी था और इसके बाद गांव वालों को इकट्ठा कर और पूरी धार्मिक रीति-रिवाज से हनुमानजी की मूर्ति को हटा दिया गया। बता दें कि जेवर के रोही गांव में एयरपोर्ट के लिए अधिगृहीत जमीन से हनुमानजी की मूर्ति को विस्थापित कर दिया गया है और ग्रामीणों की मांग के मुताबिक, प्रशासनिक टीम ने मूर्ति को बनवारीवास गांव की तरफ खेतों पर बसे किसानों के पास रखवा दिया है, जहां ग्रामीण विधि-विधान से मूर्ति की स्थापना कराएंगे।
गौरतलब हो कि क्रेन से मूर्ति को यज्ञ-हवन के बीच दूसरी जगह विस्थापित कर दिया गया। बता दें कि साल 2024 तक जेवर एयरपोर्ट से पहली हवाई उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी और पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ कब भूमिपूजन करेंगे इसका भी ऐलान कर दिया गया है। वहीं रोही गांव के प्राचीन मंदिर पर तकरीबन 20 फीट ऊंची भगवान हनुमान की मूर्ति थी। इसे तहसील प्रशासन और प्राधिकरण की टीम ने हाइड्रोलिक क्रेनों की मदद से विस्थापित करा दिया है। विस्थापित करने से पहले हवन यज्ञ और विधि विधान के साथ मूर्ति को शिफ्ट किया गया, कुछ ग्रामीण मूर्ति को जेवर बांगर में स्थापित करना चाहते थे।
वहीं, कुछ गंगा में विसर्जन की मांग कर रहे थे, लेकिन वार्ता के बाद मूर्ति को बनवारीवास गांव की तरफ खेतों में रखवा दिया गया है। गांव में भी फिलहाल के लिए मूर्ति को विस्थापित कर दिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि रामनवमी के दिन यहां पर भी विधि विधान के साथ पूजा कर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
नवरात्रि में होगा जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का भूमिपूजन…
जानकारी के लिए बता दें कि पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन पर जेवर एयरपोर्ट का निर्माण होगा। कुल लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपए एयरपोर्ट पर लागत आएगी और पहले चरण में 9 हज़ार करोड़ से निर्माण कार्य किया जाएगा। वहीं जेवर एयरपोर्ट की क्षमता की बात करें तो पहले वर्ष से 1.2 करोड़ यात्रियों की क्षमता से लैस होगा जेवर एयरपोर्ट और अपने आखिरी चरण यानि चौथे चरण में 7 करोड़ की क्षमता से यह एयरपोर्ट लैस हो जाएगा।
वहीं ख़बरों की मानें तो जेवर एयरपोर्ट पर यात्रियों को न्यूयॉर्क जैसा फील मिलेगा। जी हां जेवर एयरपोर्ट वर्ल्ड क्लास हो इसके लिए तमाम तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी से लेकर मनोरंजन साधनों तक का खास ध्यान रखा जाएगा। यहां सफर करने वालों को हांगकांग और न्यूयॉर्क जैसा फील हो इसपर ज़ोर दिया जा रहा है और उम्मीद है नवरात्रि में इसका भूमिपूजन कार्य संपन्न हो जाएगा।
114 परिवार छोटी रोही गांव में बसे…
बता दें कि जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के चलते रोही गांव के लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और ग्रामीणों ने जेवर में बनवारी लाल बाग के पास छोटी रोही गांव बसाया है। यहां फिलहाल 114 परिवार रहते हैं। यही पर हनुमान जी की मूर्ति को भी प्रतिस्थापित किया गया है।
11,510 पेड़ों को हटाया जाएगा…
आपको बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पेड़ों को कई चरणों में हटाया जाएगा। इन पेड़ों की मैपिंग का काम शुरू हो गया है। इसके बाद इन्हें हटाने का अभियान शुरू किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर वन विभाग पहले ही एयरपोर्ट की अधिग्रहित जमीन से 11510 पेड़ों को हटाने की अनुमति दे चुका है। हालांकि पहले चरण में सिर्फ उन्हीं वृक्षों को हटाया जाएगा, जो निर्माण कार्य के लिहाज से जरूरी होंगे या जिन से उड़ानों पर असर पड़ेगा। अन्य पेड़ों को चरणबद्ध तरीके से बाद में हटाया जाएगा।
29 हजार करोड़ खर्च होंगे…
जेवर में एयरपोर्ट के लिए 6 गांवों के 5926 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इन गांवों में रन्हेरा, रोही, पारोही, बनवारीवास, किशोरपुर, दयानतपुर गांव शामिल है। करीब 1,339 हेक्टेयर में बनाए जाने वाले इस हवाईअड्डे पर करीब 29,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।