‘रामचरितमानस’ को बच्चों के पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल, सीखेंगे भगवान राम की इंजीनियर कला
भारत के इस राज्य में 'रामचरितमानस' को छात्रों के सिलेबास में किया जाएगा शामिल
भगवान राम हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय भगवान है। इनके बारे में विदशी लोग भी अच्छे से जानते हैं। भगवान राम के जीवन में कई उतार चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने सभी का बहुत अच्छे से सामना किया। उनके जीवन के बारे में ‘रामचरितमानस’ में विस्तार से जानने को मिलता है। भगवान राम का जीवन हमे लाइफ के कई मंत्र और टिप्स सिखाता है। उनके जीवन पर अभी तक कई फिल्में और टीवी सिरियल्स भी बन चुके हैं।
भगवान राम से सीखने को इतना कुछ है कि अब मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग से अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है। इसे लेकर मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ‘रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन’ नाम से बकायदा एक सिलेबस भी रेडी किया गया है। इस सिलेबास को बीए फर्स्ट ईयर के कोर्स में शामिल किया जाएगा। इसके बाद स्टूडेंट्स इसी साल से भगवान श्री राम के बारे में बहुत कुछ जान सकेंगे।
बीए. के पाठ्यक्रम में इस सब्जेक्ट को दर्शन शास्त्र विषय में रखा गया है। इसका पेपर भी 100 नंबर का होगा। इस सिलेबस में बीए के स्टूडेंट्स को ये भी बताया जाएगा कि भगवान राम कितने अच्छे इंजीनियर थे। उन्होंने राम सेतु का निर्माण कर एक अनूठा इंजीनियरिंग का उदाहरण पेश किया था। वैसे जिन छात्रों को इस विषय में रुचि नहीं है उनके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की जाएगी। दरअसल ये विषय अनिवार्य न होकर वैकल्पिक होगा।
मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने ‘रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन’ विषय के अलावा 24 अन्य वैकल्पिक विषय भी शामिल किए हैं। इसमें महाभारत, योग और ध्यान को लेकर भी पढ़ाई होगी। वहीं उर्दू गाने और उर्दू भाषा के बारे में भी कई चीजें शामिल होगी।
इस विषय पर मध्यप्रदेश शिक्षा मंत्री मोहन यादव का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस भगवान राम का जीवन दर्शन है। इस विषय में स्टूडेंट्स को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बारे में बताया जाएगा। इससे उनके चरित्र का भी अच्छा निर्माण होगा। उन्हें इस विषय को पढ़कर पता चलेगा कि भगवान राम के चरित्र में साइंस, कला, साहित्य औऱ संस्कार भी हैं।
इस खबर के आने के बाद कई लोग खुश हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि युवा पीढ़ी को इस विषय के माध्यम से हमारी संस्कृति और साहित्य के बारे में जानने का मौका मिलेगा। वे भगवान श्रीराम के जीवन को विस्तार से जानेंगे। इससे उन्हें अपनी लाइफ को मैनेज करने के कई मंत्र सीखने को मिलेंगे। इससे आने वाली नई जनरेशन को भी अच्छे संस्कार सीखने को मिलेंगे।
वैसे ‘रामचरितमानस’ को मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा अपने पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर आपकी क्या राय है? क्या अपको लगता है कि इसे पढ़ने से बच्चों को कोई फायदा होगा? क्या आप इस विषय को बाकी प्रदेशों के पाठ्यक्रम में भी शामिल करना चाहते हैं? अपने जवाब हमे कमेंट सेक्शन में जरूर दें। साथ ही ये खबर पसंद आई हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर भी करें। इस तरह हर कोई इस अच्छी खबर को जान सकेगा। साथ ही जिसे दिलचस्पी होगी वह बीए फर्स्ट ईयर में इस वैकल्पित विषय को लेगा भी।